ये पोस्ट अगस्त 2021 में लिखी गई थी। क्या खास है इसमें?
एक ऐसे Resignation के बाद, जिससे पहले और जिसके आसपास हादसों के अम्बार थे। या शायद कहना चाहिए, मुझे तभी दिखने और समझ आने लगे थे, इतने बारीकी स्तर पे। या शायद दिखाए गए थे और दिखाए जा रहे हैं। या शायद यही वो संसार की हकीकत है, जिसे आम आदमी के लिए जानना-समझना बहुत जरुरी है।
वो अपना रंग देना चाहते हैं, हर रंग को
वो अपनी चालो में बांधना चाहते हैं, हर ढंग को
उनके जाल में कैद है, हर पंछी, हर प्राणी
उनके चक्रव्यूह में फँसा है, हर इंसान
क्यूँकि
वो अपना रंग देना चाहते हैं, हर रंग को
वो अपनी चालो में बांधना चाहते हैं, हर ढंग को
उनके जाल में कैद है, हर पंछी, हर प्राणी
उनके चक्रव्यूह में फँसा है, हर इंसान
What is this?
The way things work at each and every step.
So many diseases, operations and so-called deaths happen same way. They need a bit more minute detailed observations and a bit more time for study and research than this simplest example.
Common sense: Pattern Fraud
Day by day things change in the surrounding (environment) in some pattern. Some simple growths, progresses, competitions, some directed but invisible enforced directions, some systematic automation and consecutive cumulative effects.
No comments:
Post a Comment