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Wednesday, November 1, 2023

रंगों वाली तुलसी या रंग-बिरंगी तुलसी या इंदरधनुषी-तुलसी ?

पेड़-पौधों पे राजनीतिक कोढ़ का तड़का? और उनको रीती-रिवाज़ या आस्था-धर्म से जोड़ना। 

क्या फर्क पड़ जाएगा इससे, की आपके घर तुलसी है की नहीं? है तो, कौन सी किस्म है? वैसे कितनी तरह की तुलसी होती हैं?

हरी तुलसी            

राम तुलसी, हरे पत्ते, हरा तना, हरे बीज?

काली तुलसी          

कृष्णा या श्याम या काली तुलसी, बैंगनी पत्ते, बैंगनी तना और बैंगनी बीज या शायद कुछ-कुछ काले रंग जैसा-सा या रंगो का तड़का, मतलब मिश्रित रंग?

वन या वना तुलसी, ऐसा कोई पौधा है क्या? शायद मरवे को भी कुछ लोग तुलसी कहते हैं? कैसे शुरू हुआ इसे वन या वना तुलसी कहना और किसने दिया ये नाम इसे? 

हरी तुलसी और काली तुलसी या बैंगनी तुलसी या मिश्रित रंगों की खिचड़ी तुलसी का सच क्या है? दोनों अलग पौधे हैं या एक ही पौधा? या मिश्रित (HYBRID)?  ये पौधा, अलग-अलग मौसम और अलग-अलग परिस्थितियोँ में, अलग-अलग रंग बदल लेता है? बड़ा Dynamic है। जानेंगे जीवों के रंग (Pigment) के विज्ञान के बारे में, किसी और पोस्ट में। 

आपके घर में या आसपास इनमें से कौन-से वाली तुलसी है? उसको आपने किस तरह की परिस्तिथियाँ या वातावरण दिया हुआ है?

छाया में रखा हुआ है या धूप में? 

रोज पानी देते हैं ? सुबह-स्याम पानी देते हैं? या कभी-कभार? 

खाद डालते हैं या नहीं? ज्यादा डालते हैं या कम? 

उसके आसपास की मिट्टी नुलाते हैं या नहीं? 

जो पानी डालते हैं, वो साफ पीने का पानी है या रसायनिक (Toxic Chemicals)? या शायद आपको मालुम ही नहीं की उस पानी में कौन-कौन से रसायन हैं या नमक (Salty water) हैं? जहरीले रसायन ((Toxic Chemicals) और ज्यादा नमक वाला, दोनों ही पानी जीवों के लिए सही नहीं होते। फिर चाहे वो पेड़-पौधे हों या इंसान।    

यही सब अलग-अलग परिस्थितियाँ, आपकी तुलसी का रंग बदल सकते हैं क्या? ऐसे-ऐसे, छोटे-छोटे प्रैक्टिकल (experiment) आप खुद अपने घर या आसपास के पौधों पे कर सकते हैं। इससे आप जो पानी प्रयोग करते हैं, उसकी शुद्धता के बारे में भी जान सकते हैं। जो पानी पेड़-पौधों को मारता है, वो इंसान या बाकी जीव-जंतुओं के प्रयोग के लिए भी सही नहीं है। राजनीतिक पार्टियों के जाले, ये सब आपकी जानकारी के बगैर करते हैं। बस उन्हें थोड़ी-सी जानकारी (विज्ञान), आपसे ज्यादा है। वो ये, की अलग-अलग परिस्थिति (संगत जैसे)  में, अलग-अलग पौधे, कैसे अलग-अलग, रंग-रूप बदल लेते हैं? 

और फिर उन्हें नाम दे देंगे, आपकी श्रद्धा वाले, जैसे भारत में हैं, तो राम, श्याम, काली। तुलसी में लिँग अलग-अलग पौधे में हैं या एक में ही? फिर तो शिवा तुलसी भी हो सकता है। और LGBT भी?    

या किसी अंग्रेजों वाले देश में, तो अंग्रेजी में Holy Basil. 

Holy मतलब पवित्र, हिंदी में। और भी बहुत से इंटरनेशनल नाम मिल जाएँगे इंटरनेट पर , जैसे Thai Basil? ये क्या है? अफ्रीकन? अमेरिकन? Hybrids?

कैसे पता करोगे सच क्या है और क्या नहीं? मतलब आज का इंटरनेट अपने आपमें एजेंडा शैटर है। दुनियाँ भर का मीडिया इसका प्रयोग और दुरूपयोग करता है, आम आदमी को कंट्रोल करने के लिए। कैसे ? किस टेक्नोलॉजी का प्रयोग या दुस्प्रयोग करके? जैसे Artificial Intelligence (AI), Machine Learning (ML)  

इसलिए जो भी आप इंटरनेट पर देखें, जरूरी नहीं वो सच ही हो। हम उस टेक्नोलॉजी के युग में हैं, जो अपने-आप सेकिंडों और मिनटों में, यहाँ-वहाँ से डाटा का प्रयोग कर, ऐसा कुछ पढ़ने को दे सकता है, जो असलियत में हो ही ना। ऐसे ही विडियो हो सकते हैं। ऐसे ही फोटो और उनके रंग-रूप। काला सफ़ेद दिख सकता है और सफेद काला। हरा, नीला दिख सकता है या जामनी या कोई और रंग भी। ये इंसान के केस में भी सच हो सकता है और जानवरों या पेड़-पौधों के भी। जानेंगे इन टेक्नोलॉजी के बारे में किन्हीं और पोस्ट में।      

पेड़-पौधों पे राजनीतिक कोढ़ का तड़का?

रीती-रिवाज़ या आस्था-धर्म से जोड़ना, श्रद्धा 

विज्ञान, जीवों के रंग (Pigment) के विज्ञान के बारे 

टेक्नोलॉजी का प्रयोग या दुस्प्रयोग, Artificial Intelligence (AI), Machine Learning (ML)

राजनीती,  एजेंडा शैटर,  आम आदमी को कंट्रोल करने के लिए 

विज्ञान और राजनीति, मतलब राजनीतिक विज्ञान, टेक्नोलॉजी को और रीती-रिवाज, आस्था, धर्म श्रद्धा से जोड़कर अपना एजेंडा सैट करते हैं। एजेंडा सैट होता है या तो अपनी गुप्त गुफाओं के माध्यम से, या मीडिया के माध्यम से। ये सब आम-आदमी को कंट्रोल करने के काम आता है।  

इसमें किसी भी तरह के लालच का तड़का भी लग सकता है और डर या भय का भी। 

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