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Saturday, November 25, 2023

खूंखार नियंत्रण और राजनीती विज्ञान

खूंखार नियंत्रण, 

जहाँ जन्म, मरण और जीवन का हर पहलु कुछ खूंखार, पढ़ेलिखे शातीर लोगों के समूह नियंत्रित करने लगे हों। और आम आदमी को खबर भी ना हो, की ऐसा हो रहा है। कौन कर रहा है या कर रहे हैं? कैसे कर रहे हैं, बहुत दूर की बातें हैं आम आदमी की समझ से?    

आपके बच्चों के जन्म एक नियंत्रित सामाजिक लैब (Controlled Social Lab) में हुए हैं। जहाँ-जहाँ उन्हें पसंद नहीं आया, तिथि, महीना या साल, वहाँ-वहाँ या तो उन्होंने होने नहीं दिए या मार दिए। मालूम है? शायद कुछ एक आम आदमियों को ही भनक है। मगर कैसे करते हैं वो ये सब ? ज्यादातर आम आदमियों को नहीं मालूम।  

जहाँ उन्हें जरुरत महसूस हुई, वहाँ-वहाँ उन्होंने बच्चे पैदा करवा दिए। मगर तारीख, महीना और साल उनका। किनका? नहीं मालूम? उन्हीं का, जिनके इशारों पे आपकी ज़िदगियाँ चल रही हैं। गुप्त संसार। आप पर इतना कुछ नियंत्रण करने के बावजूद, आप उनके बारे में कुछ नहीं जानते। इसे परदे के पीछे की दुनियाँ बोलते हैं। एक वो दुनियाँ है, जो आपको दिख रही है या महसूस हो रही है। दूसरी वो, जो ये सब दिखा रही है, सुना रही है या महसूस करवा रहे है। मगर आपको उनके बारे में कुछ भी नहीं मालूम। वही हैं भगवान, इस दुनियाँ के। वो है टेक्नोलॉजी की दुनियाँ और उसके साथ-साथ सिस्टम में आते बदलाव। सिस्टम को बनाया ही ऐसा जा रहा है, की वो दुनियाँ के मुट्ठी भर लोगों की कैद में रहे। बाकी सब उसके जाल में। सबसे बड़ी बात कैसे संभव है, इतना कुछ? गुप्त तरीकों से, राजनीती विज्ञान से। राजनीती जितनी अहम है, उतना ही अहम है उसको चलाने वालों को जानना। इस गुप्त विज्ञान को, टेक्नोलॉजी को और उनके प्रयोगों और दुस्प्रयोगों को समझना। ये समझ आ गया, तो ये खूंखार-नियंत्रण भी समझ आ जाएगा।  इसीलिए इसका नाम सिर्फ राजनीती नहीं, बल्की राजनीती-विज्ञान है।  इसे ऐसे भी पढ़ सकते हैं 

राज (Secret), मतलब छिपा हुआ ज्ञान किसी भी तरह का  

नीति (Policy) --  किसी भी संस्थान की योजनायें या तरीके, कुछ भी करने या पाने के लिए 

विज्ञान (Science and Technology) -- विज्ञान और टेक्नोलॉजी के प्रयोग या दुष्प्रयोग से अपने निहित स्वार्थो की सिद्धि 

जब वो कहें की हमारी मर्जी के बगैर तो पंछी तक पर नहीं मार सकते। जिस दिन आप पंछियों के नियंत्रण के पीछे छिपे विज्ञान को भी समझने लग जाओगे, उस दिन शायद काफी हद तक, राजनीती वाले ज्ञान-विज्ञान को। आएँगे जीव-विज्ञान के तर्क-वितर्क के साथ-साथ उस G (या Ji, Jee) वाली दुनियाँ पे भी। कितना G होगा, तो पंछियों पे क्या-क्या और कैसे-कैसे असर होगा? आपके एरिया में जो पंछी हैं, वही क्यों हैं? क्या ये भी सुनिश्चित किया जा सकता है की कौन से दिन, कौन-कौन से पक्षी, कहाँ-कहाँ आएँगे या दिखाई देंगे ? कौन से कहाँ-कहाँ रहते हैं और क्यों? और कब तक रहते हैं? उसके बाद वो कहाँ चले जाते हैं? कौन भेझता है उन्हें, यहाँ से वहाँ, वहाँ से वहाँ और वहाँ से कहाँ-कहाँ? 

चलो बच्चे के जन्म तो तय कर दिए। उसके बाद का भी उनका हर अहम फैसला आप नहीं, आपके वो ठेकेदार लें? वो भी मझे हुए गुप्त तरीके से? और आपको लगता है जो भी कर रहे हैं, वो सब आप खुद कर रहे हैं? जितने ज्यादा, जहाँ कहीं इन राजनीतिक पार्टियों के stake हैं, वहाँ-वहाँ नियंत्रण भी उतना ही ज्यादा। और जितने ज्यादा कम पढ़ेलिखे और आर्थिक स्तिथि कमजोर, उतना ही ज्यादा आसान है उनके लिए ये सब करना। आप प्रॉपर्टी हैं उनकी और आपके बच्चे उनके शेयर। ये आपको और आपके बच्चों को ऐसे ही पेलते हैं, जैसे शेयर मार्किट में किसी भी कंपनी के शेयरों की बोली लगाने वाले। उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता, उस सौदे में आप या आपके बच्चों के साथ क्या हो रहा है या उसका असर उनपे क्या पड़ रहा है। इन घिनौने और बेहूदा लोगों को, अपनी राजनीती कूटने से मतलब। आपके बच्चे का जन्मदिन 1 हो, 2 हो, 3 हो, 4 हो, 6 हो, 7 हो, 9 हो 10 हो या कुछ और। सब नंबर शुभ हैं, इसीलिए वो आपका बच्चा है। मगर क्या हो वो 6 वालों को छठ या छठा हुआ की तरह दुरुपयोग करने लगें और 4 को चौथ, 7 को सत्ता ? उनपे इक्की, दुक्की, तिग्गी, चुग्गी, जीरो या नौ या कुछ और लगा के गोटियों की तरह खेलने लग जाएँ? आप कहें मुझे तो मेरा जन्मदिन पसंद है या उसके नंबर पसंद हैं। और वो कहें, हाँ, इसका मतलब ये, उसका ये और उसका ये। दूसरी पार्टी वाले कहें, अरे नहीं, इनके मतलब वो नहीं, ये हैं। अब हो सकता है, की आपको इनके वाले मतलब पसंद ना आएं और ना ही उनके वाले। आप तो अपने जन्मदिन वाले नंबरों का मतलब कुछ और ही सोचते हों। सबसे बड़ी बात, आपकी सोच अपने लिए हमेशा शुभ होती है। मगर इन राजनीतिक पार्टी वालों के लिए? वो हमेशा इन नंबरों को अपनी जीत के अनुसार चलते हैं और लोगों को वैसे ही चलाते हैं। चाहे उसमें सामने वाले का पूरा खानदान उठ जाय। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए आपके लिए क्या शुभ है और क्या अशुभ, ये आपको पता होना चाहिए। आपके नंबर आपके लिए और आपके अपनों के लिए भी शुभ हैं। उनके थोंपे हुए नहीं। 

ये लोग किस दिन किस-किस से क्या करवा रहे हैं या कहाँ भेझ रहे हैं। किसको आपकी ज़िंदगी में ला रहे हैं और किसको उससे दूर कर रहे हैं ? या आपके अपनों के साथ ऐसा कुछ कर रहे हैं, आम आदमी कैसे जाने उसे? उसे तो यही लग रहा है की वही ये सब खुद कर रहा है। जानते हैं आगे आने वाली पोस्ट में। 

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