डाटा क्या है?
डाटा मानव रोबोट घड़ने की फैक्ट्री है
डाटा जो साँस आप लेते हैं, वो है
जो पानी आप पीते हैं, वो है
जो खाना आप खाते हैं, वो है
जैसी हवा में आप साँस लेते हैं, वो है
जैसा पानी आप पीते हैं, वो है
जैसा खाना आप खाते हैं, वो है
उनमें विधमान तत्वों का मिश्रण है, डाटा
डाटा
जो पसीना आप बहाते हैं, वो है
जो पसीना अपने आप बहता है, वो है
आपकी खबर के बिना
जो गैस आप निकालते हैं, वो है
जो कान से, नाक से या मुँह से मैल
अपने आप या आपकी जानकारी के बिना
आप निकालते हैं, वो है
चौकिये मत ! (Health Data, Use and Abuse)
डाटा
जो तत्व या रसायन आपके शरीर से
किसी भी रूप में निकलते हैं या अंदर जाते हैं
आपकी मर्जी से या आपकी जानकारी के बिना
डाटा, आपकी तवचा या बालों का रंग है
उनका घनत्व, बनावट, पतले-मोटे, रूखे-सिल्की
आपके नैन-नक्श, लम्बाई-चौड़ाई-उंचाईं
आँखों का रंग, नाखूनों का रंग या प्रकार
आपका बोलने, बैठने, उठने, चलने, दौड़ने
हाव-भाव या शारीरिक भाषा है, आपका डाटा
आपकी आवाज, मोटी-पतली, ऊँची या धीमी
या बोलने का तरीका
आपके रहने की जगह, पढ़ने-लिखने,
काम करने, खेलने या वर्जिस करने की जगह
और इनसे जुडी हर छोटी-बड़ी जानकारी है डाटा
आपके कपड़ों की परिभाषा
उनका रंग-रूप, बुनाई, कटाई, सिलाई, लम्बाई
खादी, सिल्क, सिंथेटिक या कोई और
आपके आसपास की हर चीज
और उसके बारे में हर जानकारी
वो फिर जीव-जन्तु हों या निर्जीव
रिश्ते-नाते हों या सिर्फ जानकार
उन सबके गुण-अवगुण हों
या घरों, स्कूलों, ऑफिसों के पते
आप और आसपास के लोगों के
विचारों में कितनी समानता है या कितने मतभेद
किसके, किससे, कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे
मतभेद या समानता
आपका या आपके आसपास के लोगों के
संसाधन, जीविका, कमाई, प्रॉपर्टी या धन-दौलत
आप लोगों को काम पे रखते हैं
या खुद किसी के यहाँ काम करते हैं
आपका आपस में या इधर-उधर का लेनदेन
कैसा और कितना और किस तरह का है
कंजूस हैं या दानी हैं
खुद किसी पे निर्भर हैं
या आपपे कोई निर्भर हैं
आपके पास अपना घर, गाड़ी
या ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे संसाधन हैं
या नहीं है, या कितने हैं?
आप कितने पढ़े-लिखे हैं, कितना कमाते हैं
कितना उड़ाते हैं या इधर-उधर लगाते हैं
कितना घुमते हैं या ज्यादातर एक जगह स्थिर रहते हैं
कितनी भाषाएँ आती हैं
देसी हैं, शहरी हैं या ग्लोबल
आस्तिक हैं और किसी भगवान में विश्वास रखते हैं
भगवान में रखते हैं या भगवानों में या नास्तिक हैं
या फर्क नहीं पड़ता,
विज्ञान को मानते हैं और तर्कसंगत हैं
हिन्दू हैं, मुस्लिम हैं, जाट हैं, चमार हैं, धानक हैं
महाराष्ट्रियन हैं, आसामी हैं, तमिल हैं या कश्मीरी हैं
ये सब आपका डाटा है
बाकी जितनी भी आपकी ID हैं, वो तो हैं ही
जितनी ज्यादा ID, उतना ही ज्यादा डाटा
फिर जहाँ रहते हैं, उस जगह की अपनी ID है
जिस स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी पढ़ते हैं
उनकी अपनी और उनमें आपकी अपनी
जहाँ नौकरी करते हैं, उनकी अपनी
और वहाँ पे आपकी अपनी IDs
जहाँ-जहाँ, आते-जाते हैं, उन सबकी अपनी
और वहाँ पे आपकी अपनी IDs
मतलब, हर कदम पे, डाटा ही डाटा है
इसमें ज्यादातर डाटा आपका अपना है
आपकी अपनी प्रॉपर्टी
और कितनी ही एजेंसियाँ उस डाटा का
प्रयोग और दुरुपयोग, आपकी जानकारी के बगैर
पैसा कमाने में कर रही हैं
कुर्सियां इधर-उधर करने में कर रही हैं
आपके और आपके अपनों के खिलाफ कर रही हैं
रिश्ते-नाते, तोड़ने-जोड़ने और मरोड़ने में
ना हुई बीमारियाँ घड़ने में,
घर से डॉक्टर या हॉस्पिटल तक पहुँचाने में
और वहाँ से जाने कहाँ पहुँचाने में।
और ये पढ़े-लिखे और कढ़े हुए लोग चाहते हैं
की आम आदमी को इसकी भनक भी ना लगे ?
या जितनी कम जानकारी उस तक पहुँचे, उतना सही।
है ना अजब-गजब दुनियाँ?
इसे जितना जानोगे, उतना ही आपका अपना भला है। तो आते हैं, एक-एक करके, घर से ऑफिस तक, खेत से बाजार तक, सरकार से प्राइवेट कम्पनियों तक, सिविल से डिफेन्स तक, देश से विदेशों तक, कौन-कौन और कैसे-कैसे और क्यों और किनकी ईजाजत से, ये डाटा इक्कठा कर रहे हैं। और उसे कहाँ-कहाँ प्रयोग या दुरुपयोग कर रहे हैं? डाटा आपका, लाभ किसी और का और नुकसान आपका, आपके अपनों का या आपके आसपास के समाज का। मेरे आसपास बहुत से लोग ऐसे ही दुनियाँ से उठे हुए हैं या कहना चाहिए की उठाये हुए हैं। आसपास के ज्यादातर रिश्तों के बिगाड़ की या कोर्ट्स के केसों की वजह यही है। तो दूर भी ऐसा ही कुछ होगा? जिन्हें फायदा हो रहा है, सिर्फ अपने डाटा से नहीं, बल्की औरों के डाटा से भी, सोचो वो कौन हैं? वो, डाटा खुदाई में लगे हुए, यहाँ-वहाँ LEGEND हैं या HERO हैं? या उनके आसपास के लोगबाग? पता चले तो मुझे भी बताना :)
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