APEX Hospital (या कोर्ट?) 50% Off?
चलो एक छोटी-सी कहानी सुनाऊँ। कहानी? नहीं हकीकत। APEX hospital के बाद रितु PGI गई और उसकी लाश ही घर आई। ऊपर से मैं शायद बहुत शांत दिख रही थी, मगर। अंदर से जैसे कोई दिमागी दौरा। जिसे बच्चे को देखते हुए, आप उड़ेल भी नहीं सकते। और उसके बाद जो नौटंकियों का दौर चला, उससे घिनौना, शायद ही कुछ देखा हो, ज़िंदगी में। जैसे एक तरफ आसमान में चीलों को मँडराते देखा तो दूसरी तरफ कई सारी आदमी के खोल में चीलों को आते-जाते और उनके ड्रामों को देखा।
इसके कई महीने बाद, मैं फिर से APEX हॉस्पिटल गई।
क्यों?
किसके साथ?
क्या खास था?
क्या तारीखें थी?
APEX से आई एक नन्हीं कली? या परी? Kali या Pari? दोनों के मतलब कोढ़ के अनुसार अलग हैं? और पार्टियाँ भी अलग? ऐसे ही जैसे, किसी को बोलो Prince, Princess, King, Queen, Rani, Maharani, Raja, Maharaja, Lakshmi, Lakshmibai, Lakhmi, Bal, Her, Hari, Dev, Baldev, Her dev, Har dev, Har-Har, Devi, Deva, Mahadevi, Mahadeva, Kaal, Mahakal, Har Har Dev, Har Har Maha Dev । इनके, और इन जैसे कितने ही और शब्दों के कोढ़ के ज्यादातर, वो अर्थ नहीं होते, जो आम आदमी सोचता है। गुड़ का गोबर भी हो सकता है। और गोबर का गुड़ भी। खैर। वापस, 50% पर आते हैं।
आसपास कहीं एक छोटी बहन को लड़की हुई थी। इसमें क्या खास था? ड्रामे, 50% वाले।
इसी छोटी बहन की पहली शादी से एक लड़की है। जिसे वो पीछे छोड़ आई। उस बच्ची को छाती में साँस की दिक्कत जैसा कुछ बताया, घर बनाते वक़्त CEMENT की वजह से। अब तक ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी, कितनी बच्चों की बीमारियाँ पढ़ चुके आप? सब यहीं आसपास से।
उसके इलावा छोटी बहन को घर में रोक के रखना, खाने-पीने तक को कुछ ना देना, मारना-पीटना, वगरैह। और खुद राम-रहीम (शायद?) सत्संग में चले जाना। वैसे तो मैं ऐसे-वैसे और कैसे-कैसे गुरुओं को नहीं मानती। मगर, यहाँ से जैसे नफरत-सी हो गई, ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे गुरुओं पे और गुरु-भगतों पे। ये गुरु यही सब सिखाते हैं क्या, अपने भगतों (अंधभक्तों) या चेलों को? सोचो, ये केस कब का होगा? राजनीतिक सामाजिक घड़ाईयाँ रिश्तों की? फिर हूबहू कोढ़ वाले राजनीतिक तमासे, लोगों की असली ज़िंदगियों में? राम-रहीम के आसपास? H#30, Type-4 धमाल। एक और बिग बॉस हाउस। राजनीतिक, सोशल और सामाजिक कहानियों का अड्डा जैसे? वैसे, कैंपस क्राइम सीरीज की कोई फाइल भी मिलती-जुलती है शायद इससे?
54-days Earned Leave? और राम रहीम? और स्टुडेंट्स की केस घड़ाई, मेरे खिलाफ। वो हरि याणा बंद तो भी टीचर ने नहीं पढ़ाया वाली शिकायत। क्या तारीख थी? 25? 2017? और महीना? वैसे हरि याणा क्यों बंद था उस दिन? और दिवाली वाली छुट्टियों में स्टुडेंट कहाँ बैठा था? और हस्ताक्षर कहाँ? फिर से टीचर की झूठी शिकायत?
वैसे
CEMENT क्या है?
TILES क्या हैं?
TILES पे X टाइप खास डिज़ाइन क्या हैं?
और कहाँ-कहाँ, कैसे-कैसे DESIGN हैं, या रंग हैं?
अरे। ये BP से कहाँ पहुँच गई मैं?
ROHIT?
AP?
BULLET?
ROBIN?
TB? एक कमरा कई बन्दे?
HERNIA?
ऐसे कैसे? और कैसे-कैसे बीमारियाँ होती हैं दुनियाँ में? धकाया हुआ Culture Media? सोशल कल्चर मीडिया? और लोगों की ज़िंदगियों से कैसे-कैसे खिलवाड़? और आप खुद जाने-अनजाने, इस सब का हिस्सा बने हुए हैं? किसके लिए? यही नहीं। अपने बच्चों को भी उसी Culture Media में धकेल रहे हैं। जाने-अनजाने?
खास नंबर वाली AP Bullet पहले किसी छोटी बहन के पास आई। वहाँ से खास तारीखों को, वो कहीं और खड़ा होनी शुरू हुई। और कुछ वक़्त बाद, उस घर में भी कोई Bullet पहुँच गई? भाभी जा चुकी थी। किसी और जबस्दस्ती सामाजिक समान्तर घड़ाई के धकेल की, घर में आने की कहानी की शुरुआत? मुझे जब भी कोई Bullet दिखती है, ऐसा लगता है, बंद क्यों नहीं हो जाती ये Bullet? इसका तो नाम ही हिंसा जैसा-सा है। हालाँकि, किसी वक़्त मुझे भी बुलेट ठीक-ठाक लगती थी। हालाँकि, भारी-भरकम मशीनों की मैं फैन कभी नहीं रही।
उसपे, पता है वो किसकी पहुंचाई हुई है? ये अहम है?
इन सब ज़िंदगियों का, इनकी ज़िंदगियों के उतार-चढ़ावों का और फिलहाल इन ज़िंदगियों में जो चल रहा है उसका, किसी Hyderabad, Telangana या Andhra Pradesh से कोई लेना-देना हो सकता है क्या? या शायद ऐसे ही किसी और के, किसी घटना या दुर्घटनाक्रम से? मैं खुद जानना चाह रही हूँ, जानकारों से। क्यूँकि, पता नहीं क्यों, मुझे इन ज़िंदगियों में या आसपास के इन घरों में, सबकुछ जैसे उल्टा-पुल्टा सा लगता है। इसकी इस वक़्त की कहानी जैसे, इससे या इस फाइल से मिलती-जुलती है। उसकी, उस वक़्त की कहानी, जैसे उससे? पता ही नहीं, कैसे-कैसे जाले हैं? जोड़-तोड़ और मरोड़ हैं? और कैसे-कैसे कोढ़?
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