Search This Blog

About Me

Happy Go Lucky Kinda Stuff! Curious, atheist, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Writing is drug, minute observer, believe in instinct, in awesome profession/academics. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Saturday, January 27, 2024

सोशल इंजीनियरिंग और बीमारियों के सोशल अपडेट 4

BP कैसे होता है (Blood Pressure)?

नसों की बीमारी क्या होती है (Nerves Problems)?

लकवा कैसे लगता है (Paralysis? Paralytic Attack?)

Lifestyle Problem?

Tension/s का होना?

डेरी उत्पादों का ज्यादा खाना-पीना?

या हानिकारक फैट्स का ज्यादा खाना-पीना?

ये नसों की बिमारियों वालों को इतना नारियल पानी क्यों बताते हैं? कहाँ से आता है ये? और कब से इसके, इतने गुणों के बारे में प्रचार-प्रसार हुआ है? 

क्या खास है, इन सबमें 

वैज्ञानिक स्तर पे?

रीती-रिवाज़ या धर्म-कर्म के स्तर पे?

राजनीती के स्तर पे?

और इन सबकी खिचड़ी पकाके, व्यवसाय के स्तर पे?   

अगर कोढ़ को जानने की कोशिश करें तो क्या समझ आएगा?   


रितु (भाभी को)  को नसों की बीमारी थी, (आम भाषा में)। 

 जितना मुझे समझ आया, उनकी समस्या क्या थी?

Hectic Lifestyle, खामखाँ की तू-तू, मैं-मैं। मगर, हमेशा नहीं कभी-कभी।  2019 के आसपास, शायद वो बढ़ गई थी। 2020 के बाद, वो कई बार हॉस्पिटल भी एडमिट हुएAPEX Hospital, Rohtak। मगर, 2-4 दिन बाद ही वापस घर आ जाते थे, ठीक-ठाक। 

2021 में मेरे Enforced Resignation के बाद, मेरा घर आना-जाना ज्यादा हो गया था। 2022 में मैंने कैंपस हॉउस से अपना तकरीबन सामान उठा लिया था। या कहूँ की उठवा दिया गया था। भाई-भाभी की जब कभी अनबन होती और रुठ के अपने मायके चले जाते तो ज्यादातर मैं ही लाती थी। ताकी उन्हें कहने को हो जाए, की मैं खुद नहीं आई, दीदी लाए हैं। और भाई की खामखाँ की ऐंठ, भी बनी रहती। मगर घर आने पे ज्यादातर अपने आप सही हो जाता था। माँ को वो कोई खास पसंद नहीं थी। या कहना चाहिए की शादी से पहले ही, उन्होंने मना कर दिया था। मगर नए दौर के बच्चों के सामने चली नहीं। अब कोर्ट में शादी कर ली और बाकी सब साथ, तो कोई खास आपत्ति भी नहीं थी। क्यूँकि, देखने में भी ठीक-ठाक थी और उसके लाडले से ज्यादा पढ़ी हुई भी। भाई के आर्य मॉडल स्कूल में ही पहली बार पढ़ाना शुरू किया था, खुद की पढ़ाई के, एक तरह से साथ-साथ ही। जब बड़े भाई को पता चला, तो उन्होंने डाँट के उन्हें स्कूल से निकाल दिया। उन्होंने भाई को बोला, की अगर अभी शादी नहीं की तो मैं तो मरुँगी। और लो जी, शादी हो गई। प्यार शायद इसी को कहते हैं। 

दूसरी तरफ, वो दिल्ली का केस, जहाँ पे कोई टाइम पास (Experiments on innocent girls?) कहे, की मैंने कुछ किया है, नहीं ना? वो भी किसी सत्यवान सांगवान के घर, सीनियर, जिनके यहाँ शायद किसी चाय-पानी पे गए थे। या मेरा डॉक्टर भाई, मेरे लिए कोई डॉक्टर ढूंढ रहा है। लड़की क्या सोचेगी, ऐसे इंसान के बारे में?  शायद यही, ये तो बढ़िया है। डॉक्टर से शादी करो। कोई संदीप शर्मा, थोड़े वक़्त रामजस कॉलेज में adhoc टीचिंग के बाद निकल जाता है किसी स्विटज़रलैंड पोस्टडॉक के लिए। और विजय दांगी PhD के लटकों-झटकों को झेलते हुए, फ्लोरिडा, अमेरिका। जब तक 2020 का covid नहीं देखा, समझा और झेला, तब तक समझ ही नहीं आया था, की दुनियाँ में ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी बीमारियाँ भी होती हैं। और कैसे-कैसे बीमारियों के बहाने, लोग दुनियाँ को अलविदा कहते हैं। खैर ये पूरी कहानी, आपको किसी किताब में पढ़ने को मिलेगी। Rohtak से Delhi और Gainesville Florida, बहुत ही थोड़े से वक़्त के लिए। और फिर वापस MDU, मगर किसी नए-नए खुले DET (Department of Engineering) में। जिसका बाद में नाम हुआ, UIET (University Institute of Engineering and Technology) । वहाँ joining के कुछ ही महीने बाद, किसी SUV ने ठोक दिया। आगे तो कहानी है।  

जगहों के नाम, डिपार्टमेंट, डिग्री, विषय, रुम नंबर, लैब नंबर, इंस्ट्रूमेंट्स, प्रोजेक्ट्स, केमिकल्स, स्टुडेंट्स, हाउसिंग टाइप्स, हाउस नंबर या कहो जो कुछ भी आप देख-सुन और अनुभव कर सकते हैं, अपने आप में, एक कोढ़ है, राजनीती का, इस सिस्टम का। 

इंसान, उनके रिश्ते-नाते, जन्मदिन, मरण-दिन, बीमारियाँ सब कोढ़ हैं। हम सबको बड़े-बड़े खिलाडियों ने या कहो पार्टियों ने, अपनी-अपनी तरह की गोटियाँ बना दिया है। एक तरह के वैरिएंट्स (Variants)। आप उनमें कितना फिट होते हैं और कितना नहीं, कहाँ फिट होते हैं और कहाँ नहीं, कब फिट होते हैं और कब नहीं, ये सब इन पार्टियों की चालें बताती हैं। वो चालें, ये आप पर ऐसे ही चलती हैं, जैसे लैब में किसी चूहे, पौधे, बैक्टीरिया पर एक्सपेरिमेंट्स। आज का हमारा समाज एक बड़ी लैब है। जिसकी इंजीनियरिंग, ये पढ़े-लिखे और उसपे कढ़े हुए, लोगों के समूह करते हैं।   

वापस रितु पर आएँ? जब रितु चौधरी की शादी परमवीर सिंह (सिंह? कब से?) से हुई, उसी वक़्त आसपास कोई और भी इंटरकास्ट शादी हुई थी। अलग-अलग पार्टियों के अलग-अलग डिज़ाइन, उनकी फिटिंग के अनुसार। रितु? रितू चौधरी या रितु कादयान? या रितु दांगी? रितु दांगी के किसी नेक्स्ट जनरेशन (NG?) वैरिएंट की फिटिंग कहीं किसी और रितु पर हुई, मगर ज्यादा चली नहीं। ऐसे ही पार्टियों के कितने ही हेरफेर होते हैं, लोगों की ज़िंदगियों पर, रिश्तों पर, उनके बच्चों की पैदाइश पर या पैदा ही ना होने देने पर। और मौत पे भी। 

Ritu इन पिछले कुछ सालों में APEX (अपैक्स कोर्ट क्या होता है?) से होते हुए PGI गई, और खत्म? ये नसों की कहानी है? किसी सिस्टम के, ये बताने की भी, की वो कैसे काम करता है? रितु, जिस स्कूल से इस घर में आई थी, क्या वही स्कूल उसे खा गया? क्या, ये कोरोना के अपडेट की, एक सामाजिक सामांतर घड़ाई है? 

इस सबका HD पब्लिक स्कूल, बहुअकबरपुर और आर्य मॉडल स्कूल से क्या लेना-देना हो सकता है? क्या वहाँ भी कोई अपडेट चल रहा है? 

ये मोदी का लक्षयद्वीप विजिट क्या है? 

इसका किसी लक्ष्य से या आर्य मॉडल स्कूल या सुनील की 2-कनाल जमीन हड़पने से कोई लेना-देना हो सकता है? अजीबोगरीब कोढ़ हैं।   

KANTA भाभी, वापस करेंगे ये ज़मीन या कोर्ट चलेंगे? या अबकी बार मुझे ही उठा देंगे? या उठवा देंगे? ये पब्लिक नोटिस आपके लिए। स्कूल है या लोगों को उठाने का धंधा?      

और HD डिज़ाइन क्या है, इसमें?      

वैरिएंट्स, अलग-अलग पार्टी के और अलग-अलग तरह की और तरीके से लड़ाइयाँ?                

No comments:

Post a Comment