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Wednesday, January 10, 2024

जमीन के कोढ़ की अजीबोगरीब राजनीती (जंग कालिखि?)

ज़मीनें खा गई, लोग कैसे-कैसे?

या लोग खा गए, ज़मीने कैसी-कैसी?

या जुए वाला सिस्टम और राजनीती खाता रहा है और खाता रहेगा इंसान कैसे-कैसे? रिश्ते कैसे-कैसे? ज़मीने कैसी-कैसी? और जीव कैसे-कैसे?

नौटंकियाँ, हकीकत और ज़िंदगियाँ? 

सिर्फ कुछ दिखाने या बताने के लिए? या सच में ज़िंदगियों को बदलने के लिए? अच्छे या बुरे के लिए? औरतें जब जमीनें होंगी, वो भी लोगों की प्राइवेट प्रॉपर्टी जैसे, तो कैसे-कैसे किस्से होंगे? कैसी-कैसी कहानियाँ होंगी? और कैसे-कैसे झगड़े होंगे?      

नाटकों को जब आप हकीकत समझने लग जाएँ। और हकीकत में नाटक जीने लग जाएँ, तो क्या होगा? वही जो हो रहा है। क्या हो, अगर कोई शातीर लोग अपनी हकीकत को आपने थोंपने लग जाएँ और आप उसी को हकीकत मान जीने लग जाएँ, पता होते हुए? या शायद पता ना होते हुए? आसपास की सब ज़िंदगियों की कहानियाँ कुछ-कुछ ऐसी ही हैं। 

आपको एक नाटकनुमा जहाँ पकड़ा दिया गया है, जिसे राजनीतिक पार्टियाँ जैसे चाहेंगी, वैसे घुमाएंगी। तो घुमते रहो, उनके अनुसार। आसपास के कितने ही केस सामाजिक सामान्तर घड़ाईयाँ हैं। आम आदमी को कैसे पता चले की वो सामान्तर घड़ाईयाँ हैं? जैसे सुशीला दीदी और संतरो कार केस और किसी खास जगह ब्रेक फेल? 

तीन abortions या फेल डिलीवरी के बाद किसी को एक लड़की हुई और वो पुरे घर का गठजोड़ बन गई जैसे। अब वो कुछ साल की हो चुकी थी और उन्हें एक लड़का चाहिए था। माँ का शरीर जवाब दे चुका था या पैसे की कोई दिक्कत थी? शरीर जवाब दे चुका था शायद? लग तो ऐसे ही रहा था। जब तक सिस्टम का बेहुदा जाला नहीं समझ आ रहा था। सिर्फ तब तक। हकीकत, बच्चा पैदा ही नहीं होने दिया जा रहा था? 

तुम ये कैसे कह सकते हो?

ऐसे ही जैसे, दो बच्चीयों के बालों की बनावट बदलने लग जाती है। जिसके पैदाइशी घुँघराले बाल थे, वो सिल्की होने लगे थे और जिसके पैदाइशी सिल्की बाल थे, वो घुँघराले होने लगे थे। 

ऐसे ही जैसे, माँ को 8-9 महीने से कोई पेट दर्द था। और जब उनकी पथरी का इलाज हुआ दिसंबर 2019, तो वो पूरा ड्रामा था। बिलकुल ऐसे जैसे, कोई M.Tech exams स्कैंडल जैसे। 3-1 cuts जैसे। 3 ईधर-उधर और एक नावल के पास। ठीक ऐसे ही जैसे, वो खास एम्बुलेंस दौड़ी थी, उस खास डायग्नोस्टिक सेंटर। और उसकी बेटी (मुझे) को घुमाया गया था इधर से उधर, जाने क्या दिखाने या क्या लेने।

ठीक ऐसे जैसे, मुझे जाड़ दर्द था और मैं गई थी PGI और मुझे मेरे अपने दोस्तों ने (दोस्तों?) घुमाया था यहाँ-वहाँ, इधर-उधर, जाने क्या-क्या दिखाने और क्या-क्या बताने? और आखिर में जाड़ में लगाया गया था वो अजीबोगरीब-सा इंजेक्शन। काँप गया था शरीर पूरा, दर्द से आँखों में थे आँशु और पसीना-पसीना पूरा शरीर। किसी जाड़ का इलाज तो पहले भी हुआ था, मगर ये क्या था, जो समझ से बाहर था? और उठ खड़ी हुई थी मैं, ईलाज ना करवाने के लिए या शायद कहना चाहिए की निकल आई थी वहाँ से। रविवार को जब घर आई, तो पता चला भाभी को भी जाड़ दर्द की शिकायत थी। और उन्होंने मेरा PGI डेंटल का अनुभव जान, जहाँ वो जा रही थी, उसी हॉस्पिटल जाने की सलाह दी थी। बाला जी वाला ईलाज चल रहा था उनका। जय बजरंग बलि? मैं भी वहीं पहुँच चुकी थी। और जहाँ तक मुझे मालुम था, तो फीलिंग होनी थी, मगर जाड़ ही निकाल दी गई थी। 2018 या 2019 की ही बात हैं ये।               

ऐसे ही जैसे, अभी पीछे एक खास तरह का ड्रामा सामने आया। काफी कुछ ड्रामा और काफी कुछ हकीकत। काली थार और दो कनाल जमीन। फिर से वही स्कूल के पास की ज़मीन। दो भाईयों का आधा किला ज़मीन, मतलब चार कनाल। वही दूसरे दादा के स्कूल के पास की ज़मीन, जिसपे भाई-भाभी का स्कूल बनना था। मगर फिर कुछ हुआ और भाभी ही नहीं रहे। क्या हुआ? वो जो बताया और दिखाया जा रहा था? या वो जो भाभी के जाने के बाद शुरू हुआ? वो सब काफी कुछ यहाँ-वहाँ लिखा जा चुका। 

2023 के आखिरी महीने पे चलते हैं। 

15 दिसंबर को पता चलता है, की 14 दिसंबर को स्कूल वालों ने वो जमीन खरीद ली। कौन हैं ये स्कूल वाले? दूसरे दादा के बच्चे। शायद भारत के चीफ जस्टिस बेहतर बता पाएँ इसपे? हैं ना अजीबोगरीब जहाँ? बड़ी ही छोटी-मोटी सी बातें और अजीबोगरीब से झगड़े, छोटे-मोटे लोगों के यहाँ। और पता बड़े-बड़े लोगों को होता है? जरुरी नहीं पता होता है, सही शब्द हो। मगर जब भतीजी कोई मूवी या दादी वाले सास-बहु के सीरियल देख रही हो और आप कहें कुछ ढंग का देख ले। और वो कहे हाँ, तारे जमीन पर देख लूँ। बच्चों की मूवी है। अब शायद तारे जमीन पे ऐसे भी होते हैं?


     

वैसे अमिताभ बच्चन हमेशा खास numerals के साथ ही ट्वीट क्यों करते हैं? पता चले तो मुझे भी बताना।    

कुछ-कुछ, ऐसे ही जैसे -- "जाओ ऑनलाइन ले लो सब। ऑफलाइन तो तुम्हें पसंद नहीं?" 

या कोई दीदी को you. बना दे और कोई u? 

यहाँ YES! बैंक वाला ES नहीं है। सुना है, cryptic writing (जिसे मैं कोढ़-कोढ़ करती रहती हूँ) में CAPITAL LETTER, small letter, full stop, comma, colon ( : ), या gap के आने से ही अर्थ का अनर्थ और अनर्थ का अर्थ हो जाता है। Grammar बॉस जैसा-सा झमेला समझो।         

फिर से कोई 14? 

क्या खास है इसमें?

 राम मंदिर? Baptism? 3-1? 14? 15?    

सैक्टर 14 से संबंधित 2010 का कोई कांड? या कुछ और? 

मेरी i10 का खास ड्रामे के साथ, सोम समोसे, रोहतक के यहाँ से, फिर से 14 तारीख को अपहरण जैसा-सा कुछ? 

या फिर उसके बाद सैकंड हैंड ली गई, संतरो का किसी 14 को ब्रेक फेल होना, गाँव की किसी खास जगह?  

काली थार और वो खास नंबर, का इन सब इवेंट्स से क्या कनैक्शन हो सकता है? जानते हैं अगली पोस्ट में। 

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