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Friday, June 2, 2023

डर और डरावे!

आप डरते नहीं?

किससे और क्यों ?  .... ...... .......  ........ .........  

पता नहीं ऐसे-ऐसे, कैसे-कैसे और कितनी तरह के डरावे होते हैं दुनियाँ में।  


डर!

आप भी डरते हैं क्या? किससे? और क्यों?

आप भी उन्हीं में से हैं क्या जो कमजोरों को डराते हैं और अपने से ताकतवर से डरते हैं? 

कहीं-कहीं अचानक फायर होते हैं। कहाँ से, कैसे और क्यों, कई बार तो समझ नहीं आता। उस वक़्त बच निकले तो समझो बच निकले। जो उस वक़्त फंस गया, तो फंस गया। 

तमीज की कमी है। 

माहौल ही ऐसा है। 

परवरिश सही नहीं है। 

औरतों की कदर नहीं है, इस माहौल में। 

गँवार लोग हैं। 

भेझे से पैदल लोग हैं। 

जहाँ दिमाग नहीं होता, वहाँ ताकत के बल धकेला जाता है। 

आग इधर-उधर से लग रही है। इनका या उनका चाहा नहीं हो रहा। 

कितने ही जवाब हो सकते हैं ना?

डर और डरावे, कभी-कभी, छोटी-छोटी गुड़ियाओं को और मासूमों तक को बंधक बना कर रख देते हैं। और शायद ऐसी जगह धकेल देते हैं, जहाँ उन्हें नहीं होना चाहिए। 

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