राजनीतिक-रंगमंच -- जिधर देखो उधर नजर आये।
ये दुनिया एक रंगमंच है, और सबको अपना किरदार निभाकर जाना है। सुना, सुना-सा लग रहा है ना कहीं? अपना किरदार निभाकर तो जाना है। मगर, वो किरदार कितना आप खुद निभा रहे हैं और कितना आपसे निभवाया जा रहा है? आइए जानते हैं इस राजनीतिक मंच के बारे में -- थोड़ा बहुत जितना मुझे समझ आया।
आप टीवी या फोन या लैपटॉप पे जो ख़बरें देखते हैं ना, वो ज्यादातर राजनीतिक रंगमंच है। आपके आसपास उन खबरों से जुड़ा, जो कोई अहम् धरना या प्रदर्शन चल रहा है, वो भी राजनीतिक रंगमंच है। उसमें आम आदमी की समस्याएं, इसी राजनीतिक रंगमंच की देन होती हैं जो उसे सुलझाने के नाम पर आज दुसरी तरह का राजनीतिक रंगमंच पेश कर रहा है। जो समाज जितना ज्यादा सरकारों पे निर्भर है या राजनीतिक पार्टियों पे निर्भर है, वो उतना ही ज्यादा गरीब और पिछड़ा है? क्युंकि, बाकी या तो ये सरकारें चला रहा होता है या कहीं न कहीं स्टेकहोल्डर होता है। इस निर्भरता को कम करके आगे बढ़ने के रस्ते किसी और पोस्ट में।
अभी चलो रंगमंच पे चलते हैं --
आज की ताजा खबर? Breaking News? भूकंप आ गया? बाढ़ आ गयी? तूफ़ान आ गया? आग लग गयी? किसानों का धरना? या शायद मणिपुर हिंसा। इंटरनेट बंद ?
BIPA R JOY -- यूँ लग रहा है सागर में जैसे कहीं आम दिनों की तरह ही आम-सी लहरें हैं। मगर Animated-World ने जाने क्या से क्या बना दिया है। हौवा जैसे कोई? आम-आदमी दहशत में और मीडिया कुटे पैसे! है ना मजेदार? कोरोना भी कुछ-कुछ ऐसा ही था। मीडिया के इस जहाँ में सबकुछ ऐसा ही होता है क्या? जानकारी लेना चाहते हो तो कई जगह वो ज्ञान-विज्ञान भी मिल जाएगा। मगर गुप्त कोड में।
चलो आप कोड ढूंढो। मुझे तो सागर के नाम से कुछ गाने याद आ रहे हैं --बचपन में सुने होंगे कभी। जैसे ?
ये सब cryptic है। मतलब गुप्त कोड हैं। अब अलग-अलग चैनल, इनपे अपनी-अपनी, अलग-अलग तरह की स्क्रिप्ट पे काम करते हैं।
कौन-कौन से चैनल कौन, कौन-सी पार्टी के हैं? ये आप उन पर चल रही खबरों से पता कर सकते हैं, अगर इस गुप्त ज्ञान और पटकथा (scripted) को समझ पाएं। नहीं तो गूगल बाबा या कोई और सर्च इंजन भी बता देगा। इन गुप्त पटकथाओं में कभी-कभी आपको ज्ञान भी मिल सकता है और विज्ञान भी। बाकी मिर्च-मसाला, बढ़ा-चढ़ा कर, तोड़-मरोड़ कर पेश करना तो ज्यादातर चैनल को चलाने के लिए ऐसा लगता है, जैसे पत्रकारिता का धर्म हो?
राजनीतिक रंगमंच का एक उदहारण पीछे PPF ना निकालने देना या उसपे ड्रामे दिखाना, आप पहले वाली पोस्ट्स में पढ़ सकते हैं। वो राजनीतिक रंगमंच दिल्ली के CM और LG के बीच जैसे कोई फुटबॉल खेल रहा है। कहाँ की फाइल्स, किसका PPF, कहाँ के बैंक, कहाँ की mail या जाने male और कहाँ के सरकारी बाबु? घपलम-घपला प्रेजेंटेशन की So Sorry Script । अब आम आदमी को ये सब कैसे समझ आए?
कुछ-कुछ वैसा ही है ये किसान आंदोलन। जानते हैं अगली पोस्ट में इसके बारे में भी।
Joke :
एक बै एक अंडी बोला, अक आलिया को यही नहीं पता PM कौन है?
जो पढ़ रहा था वो बोला, की आलिया को ये पता है की आलिया कौन है?
बोले तो कुछ भी? ईब घणा नै हांसी ना आयी होगी :) मदीना मैं बैठके हांसी क्युकर आ जागी बावले, वा ते महम तै भी आगै बताई।
No comments:
Post a Comment