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Tuesday, June 27, 2023

तकनीकी संसार (दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र)

 तकनीकी संसार, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi & NCR)

अगर हमें दुनियाँ को समझना है, तो उसे समझना अपने आसपास से ही शुरू करना चाहिए। वो सारा ज्ञान आपको आसपास के पर्यटन स्थलों में, उनके आसपास की इमारतों में, और उन सबमें छिपे गूढ़ (गुप्त) ज्ञान में मिलेगा। अगर आप दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या इसके आसपास हैं तो इतना कुछ इस क्षेत्र में और इसके आसपास है, जो शायद पास होते हुए आपने न देखा हो। अगर देखा भी हो तो शायद वैसे न समझा हो, जैसे वो अपने साथ लिए रहस्यों में है। रोहतक से ही शुरू करें?

एक छोटा सा शहर, हालाँकि जनसँख्या और आसपास के इलाकों को मिलाकर बना रोहतक, इतना छोटा भी नहीं। इतिहास के हिसाब से पुराने वक़्त से ही काफी कुछ समेटे हुए है, अपने आप में। चलो उस इतिहास में कुछ नया देखते हैं। वो नया, वैसे तो यहाँ की यूनिवर्सिटीज में, अपने-आप में काफी कुछ समाये हुए है, मगर उस तरह से नहीं जिस तरह से आम पर्यटक किसी भी पर्यटन स्थल को देखता है। तो चलो यहाँ के एक पर्यटक स्थल पे ही चलते हैं। और देखते हैं की आम पर्यटक उसे कैसे देखता है? 

तिलयार झील, रोहतक (Laser Light Show)

सोचिये, महर्षि दयांनंद यूनिवर्सिटी या स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी, रोहतक से इसका क्या लेना-देना हो सकता है? मैंने ये Light-show पहली बार 2010 में सिंगापुर के सेंटोसा आइलैंड पर देखा था। तबसे अबतक काफी कुछ बदल चुका है। लगता है, एक बार फिर से देखना चाहिए।   


Songs of The Sea 


तिलयार का ये show उस वक़्त के MP Deepender Hooda का रोहतक को तोहफा है शायद? 
चलता भी है ये? या सफेद हाथी हो चुका? 


अपने बच्चों को जहाँ कहीं भी घुमाने ले जाएँ, सिर्फ पुरानी इमारतें न दिखाएं। थोड़ा बहुत उनके पीछे छिपे ज्ञान-विज्ञान से भी अवगत कराएं।  नहीं तो वो भूत-प्रेतों या माता निकल आई, जैसे भरमों और अन्धविश्वाशों में ही उलझे रहेंगे। 

अगर आप किसी भी तरह की आस्था रखते हैं या भगवान को मानते हैं, तो भी, अंधविस्वासों  से बाहर निकल कर, तकनीकों से रचे गए जालों और उनके आमजन पर प्रभावों को जानने के लिए, नए युग के धार्मिक स्थानों की सैर करें। ये धार्मिक स्थल, न सिर्फ वक़्त के साथ ताल मिलाते नज़र आते हैं, बल्की भव्य हैं और साफ़ सुथरे भी। चारों तरफ विज्ञान से औत-प्रोत, पुराने मंदिर-मस्जिदों से, अलग तरह की कहानियाँ गाते हुए।  

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या इसके आसपास ही ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं। खासकर जो पिछले एक-दो दशक में ही बने हैं। कौन-कौन से ध्यान आ रहे हैं आपको? जानते हैं आगे की किसी और पोस्ट में।  

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