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Saturday, June 10, 2023

व्यस्त कहाँ हैं (जुबान, खेल और काम)

गरीब के पास आप गरीब होते जाएंगे, और अमीर के पास अमीर। अब ये गरीबी और अमीरी भी बहुत तरह की हो सकती है। गरीबी दिमागी भी हो सकती है। जैसे धन-दौलत होते हुए भी गरीब होना। और गरीबी सिर्फ संसाधनों की भी हो सकती है। दिमागी गरीब, कम उभर पाते हैं। दिमाग है, तो संसाधनों की कमी, आनी-जानी चीज जैसी भी हो सकती है। या शायद यूँ कहना चाहिए, की बहुत से कारण होते हैं, जो आगे बढ़ाते हैं। ऐसे-ही बहुत से कारण होते हैं, जो पीछे या पिछड़ेपन की तरफ लेके जाते हैं। इनमें अच्छे तरीके भी हो सकते हैं, आगे बढ़ने के और बुरे तरीके भी। मगर पिछे धकेले जाने के सिर्फ और सिर्फ बुरे तरीके होते हैं, शायद।  

आप कहाँ रहते हैं?  

बजरापुर और स्कूलपुरा? 

डंडापुर और  किताबपुरा ?

बदजुबानपुर और मिश्री जुबानपुरा ?

शांती पुर और कलहपुरा ? 

भंडोलापुर और मंडोलापुर?  

गोबरपुर और गुडपुर?  

स्क्रीनपुर और गनपुरा? 

मंगलपुर और मातापुरा? 

रामपुर और रावणपुरा? 

कटी-पतंगपुर और पैरागलाइडरपुरा? 

भुन्डुपुर और सुरत या सुंदरपुरा 

बलपुरा और मनपुरा? 

हरिद्वार या 

लिख ही रही थी की 

कहीं से आवाज आई कबुलपुर? 

अभी इतना ही, बाकी फिर कभी।  

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