Disease is a Process.
नया क्या है इसमें? ये तो सबको पता है? या शायद नहीं भी पता?
और क्या हो जब वो बीमारी Autoimmune Disorder हो ?
एक ऐसा डिसऑर्डर, जिसमें शरीर का रक्षा विभाग, अपने ही शरीर की स्वस्थ सैल (cells) को खाने का काम करने लगता है।
जिन्हें नहीं पता उनके लिए, शरीर का भी अपना रक्षा विभाग होता है। ऐसा रक्षा विभाग, जो आज भी संसार की किसी भी डिफ़ेंस या मिलिट्री फ़ोर्स से ज्यादा ताकतवर है। जिसके बहुत से अज्ञात रहस्य, सुक्ष्म (Molecular) स्तर पर आज तक पता नहीं है की वो कैसे काम करते हैं। और कैसे डिसऑर्डर में बदल जाते हैं? इसलिए, बहुत से बिमारियों के आज तक स्थाई समाधान नहीं है। जिन्हें आज तक या तो कुछ सालों टाला जा सकता है या कहो की ज़िंदगी को थोड़ा और बढ़ाया जा सकता है, कुछ तरीके अपनाके। बहुत से केसों में, एक स्तर पे ही रोका जा सकता है। और बहुत से केसों में वापसी भी संभव है।
आपको पता चले की आपकी नौकरी का वातावरण एक Autoimmune Disorder में बदल चुका है। तो या तो आप उससे लड़ने की कोशिश करेंगे या उससे बाहर निकलने की। शुरू-शुरू में मैंने लड़ने की कोशिश की। मगर जब लगा की यहाँ लड़ाई का स्तर कुछ ज्यादा ही ख़तरनाक हो रहा है, तो उससे कुछ वक़्त बाहर रहकर देखने की कोशिश की। क्यूँकि, अगर आप स्वस्थ ही नहीं रहोगे तो क्या तो लड़ोगे और क्या ही करोगे? ऐसे माहौल में ख़त्म ही हो जाओगे।
मगर उस बाहर रहकर देखने ने इतना कुछ दिखा दिया की लगा, ऐसी प्रकिर्या को ख़त्म करने की ज़रूरत है या उससे जैसे भी हो सके, बाहर निकलने की। क्युंकि, मुझे जो समझाया गया या समझ आया वो ये, की ये राजनीतिक सिस्टम की प्रकिर्या है, जिसको जैसे आप चाहते हैं, वैसे ख़त्म नहीं कर सकते हैं। वो किसी एक के वश में नहीं है। चाहे फिर वो इंसान हो या पार्टी। हाँ, शायद उससे दूर हो सकते हैं। उस नौकरी से और उस जगह के सिस्टम से दूर होकर या रहकर।
भाभी का हादसा और उस दौरान या उसके बाद जो कुछ हुआ, वो शरीर के Autoimmune Disorders का तो पता नहीं, पर किसी भी जगह के राजनीतिक सिस्टम के ऑटोइम्म्युन डिसऑर्डर को जरुर उधेड़ रहा था। किसी भी जगह, घर, अड़ोस-पड़ोस, मौहल्ला या समाज में जब लोग आपस में ही एक दूसरे को खाने लगें, तो उसे समाज का Autoimmune Disorder कह सकते हैं।
Social Autoimmune Disorder?
मुझे लगता है की Social Autoimmune Disorder को समझ कर, ऐसी बिमारियों से लोगों को सचेत जरुर किया जा सकता है। अगर सही से Molecular Autoimmune Disorder को जीव-विज्ञान की भाषा में परिभाषित नहीं भी किया जा सके, तो भी शायद से बचाया जा सकता है। और काफ़ी हद तक वापस स्वास्थ्य की तरफ मोड़ा जा सकता है। उसे समझने से पहले, कुछ बच्चों, बड़ों या बुजर्गों के खेलों पर गौर फ़रमाते हैं। ख़ासकर, जहाँ मैं पिछले तक़रीबन 2-साल से रह रही हूँ, वहाँ के ड्रामों को या खेलों को।
क्या ये खेल या रोज-रोज के ड्रामे, लोगों की बिमारियों को भी परिभाषित कर सकते हैं?
उनके कारणों और निवारणों को भी बता सकते हैं?
शायद हाँ? शायद ना? मुझे लगता है, हाँ। खासकर, अगर आपको थोड़ी-बहुत इकोलॉजी या एनवायरनमेंट की भी समझ है तो। तो जानने में क्या जाता है? आते हैं आगे ऐसी कुछ पोस्ट पे।
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