शक्ति, औरत है? पुरुष है? या LGBT? वैसे, ये LGBT कोढ़ क्या है?
बच्चा या बच्ची है? युवा है, या बुज़ुर्ग? इंसान है? शैतान है? भगवान है? भगवानी है? कोई देव या देवी? आप शक्ति को किस रुप में मानते या जानते हैं? पवित्र है? अपवित्र है? पूजनीय है या अपूजनीय? किसी का बेटा है या बेटी? किसी की माँ है या बाप? किसी की बहन है या भाई? किसी की पत्नी है या पति? किसी एक की है या अनेक की? और भी कितने ही ऐसे प्रश्न हो सकते हैं।
राजनीती वाले, इधर वाले या उधर वाले, किस शक्ति की रैली पीट रहे हैं? इधर वाले या उधर वाले? आप राजनीती के गढ़े भगवानों, अवतारों, छलियों, शैतानों या इंसानों को मानते हैं? या आपका अपना भी कोई मत है? या उनके कहने या उकसाने पर लोगों की रैलियाँ पीटते हैं ? (जो ज़्यादातर जाने-अंजाने, आप अपनी खुद की पीट रहे होते हैं।)
या ऐसे उकसावों और भडावों से दूर रहते हैं?
मान लो, कोई शक्ति पुरुष है और अपनी पत्नी को लेकर कहीं जा रहा है। तो कोई कहे, ये दो को कहाँ ले चला? या ये आधे-आधे टुकड़े कहाँ ले चला? हकीकत में वो चाहे, एक को ही ले जा रहा हो। क्यूँकि, शायद ऐसे लोगों के लिए शक्ति पुरुष नहीं औरत है। शायद माँ है, बहन है, बुआ है या बेटी है। या शायद पत्नी है। इधर वालों ने भी शक्ति की रैली पीट दी और उधर वालों ने भी। सिर्फ़ किसी राजनीतिक पार्टी के भड़काओं या उकसावों पे। क्यूँकि, राजनीती का काम यही है। नहीं तो किसी के भगवानों या भगवानियों, देव या देवियों या आमजन के निजी रिश्तों से राजनीती का क्या लेना-देना?
और आपको पता है, की ऐसे-ऐसे भड़कावे या उकसावे आपकी जानकारी के बिना, आपके अपने घरों में लड़ाई-झगड़ों की ही वजह नहीं बनते, बल्कि बीमारियों की अहम कड़ियाँ (प्रकिर्या का हिस्सा) भी बनते हैं। कैसे? जानते हैं आगे कुछ पोस्ट में।
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