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Thursday, April 25, 2024

दिमाग और तंत्रिका तंत्र?

16 मतलब?

शिव?
ये 16 + (plus) है 
या T? 
या जीसस का चिन्ह?

या?  
विज्ञान को पढ़ें?

आस्थाओं को?

राजनीती और टेक्नोलॉजी को?

या छल-कपट को?

या इन सबकी खिचड़ी को? 

इस 16 और 6 के बीच जैसे, सारा समाज आ जाता है। 
नहीं?

इतना भला गानों में कौन देखता-समझता है? लिरिक्स सुनते हैं और उन्हीं में रम जाते हैं?

ये नंबर कुछ और भी हो सकते हैं 
ऐसे ही गाना या विवरण या वर्तान्त (narrative) 
या धारणा या अवधारणा (perception) भी कुछ और हो सकता है 

 दिमाग और तंत्रिका तंत्र? 
या 
Brain and Neural Networks और AI?

के बीच जैसे, सारा समाज आ जाता है। 
नहीं?

तंत्रिका तंत्र, जो सन्देश को इधर से उधर पहुँचाने का काम करता है। और दिमाग, आपको समझ क्या आया? उसके अनुसार, और आपके परिवेश के अनुसार, किसी भी विषय-वस्तु को देखता है और समझता है।  

जैसे किसी ने कोई गाना देखा और भद्दी राजनीती के बिना सिर और पैर के भूतों में उलझ गया। ज्यादातर के साथ, आज यही हो रहा है। क्यूँकि, आपका सोशल कल्चर मीडिया, आपको यही परोस रहा है। 
किसी के लिए उसी गाने का मतलब, भूतों से पैसे कैसे कमाएँ या कुर्सियाँ कैसे पाएँ भी हो सकता है। उनका दिमाग, उसी सोशल कल्चर को अपने व्यवसाय के लिए भुना रहा है।   

वो सब अपना काम कर रहे हैं। वो चाहे राजनीती है या मीडिया या कोई व्यवसाय। इसमें आप क्या कर रहे हैं? एक तो भूत, वो भी किसी और के, किसी गए गुजरे ज़माने के। उसपे उनको आपकी ज़िंदगियों में घुसाना? क्यूँकि, जिनके भूत हैं, वो उन्हें कब के भूत बना चुके। भूत, जो आज या कल कभी नहीं हो सकता। हाँ। उनकी हूबहू जैसी सी कॉपी (alter ego) जरुर बनाई जा सकती है। ये कॉपी करना या बनाना ही बड़ा खेल है। 

आपके लिए क्या है ऐसी राजनीती या मीडिया? कुछ देर का सिर्फ मनोरंजन का साधन? जैसे कोई सास-बहु सीरीज टाइप? या भूतों की फिल्में या गाने? या ये महज़ मनोरंजन ना होकर, आप लोगों की ज़िंदगियों को कहीं गर्त में धकेल रहा है? आप पर कोई भद्दी सामान्तर घड़ाई तो नहीं चल रही? और आप जाने-अंजाने उसका हिस्सा बन रहे हैं? क्या आपको कोई बता रहा है, की उसका असर आपकी अपनी ज़िंदगी पर क्या होगा? या आपके बच्चों या आसपास पर क्या होगा? ये कैसी राजनीतिक पार्टियाँ हैं, जो आपको हर तरह से लूट रही हैं? ऐसे मुद्दाविहीन, भद्दे-भंडोलों वाले चुनावों की, या ऐसे चुनकर आए नेताओं की, किस और कैसे समाज को जरुरत है?   

दुबई डूब गया? सच में? कैसे? कब? क्यों? क्या चल रहा है, ये सब? Mind Control? दिमाग को कंट्रोल करना। अपनी ही तरह की ट्रेनिंग देना। इधर भी, उधर भी। देखो जिधर, सुनो जिधर, उधर? मानव रोबॉट बनाने के तरीके हैं ये। 
अगली पोस्ट, दुबई से ही शुरू करते हैं। जानने की कोशिश करते हैं की कैसे, बच्चों, युवाओं और बुजर्गों तक को, ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे जालों का हिस्सा बना, उनमें उलझा दिया जाता है। और उन्हें खबर तक नहीं लगती, की उनके साथ ऐसा किया जा रहा है।                      

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