क्या आप आज़ाद हैं?
या है ये एक छलावा-सा,
अहसास मात्र?
क्युँकि, आपको मालुम ही नहीं, की आप
ओरवेलियन (Orwellian) संसार में हैं।
एक ऐसा संसार, जहाँ लगता ऐसा है
की जो कर रहे हैं वो आप खुद कर रहे हैं
मगर जिसकी हकीकत ये है --
की बहुत कुछ आप नहीं कर रहे
आपसे बस करवाया जा रहा है।
ऐसा कुछ, जो खुद आपके हित में नहीं है
आपके अपनों के हित में नहीं है
आमजन के हित में नहीं है
फिर किसके हित में है?
उनके हित में --
जो ये सब आपसे करवा रहे हैं।
और आपको खबर तक नहीं है।
अहम है यहाँ
की आपको खबर तक नहीं है!
क्युंकि, जिस दिन वो खबर होगी
आप वो सब भूल जाएंगे, की
जिसे इतने दिलो-जान से चाहते हैं
जिसके लिए मरने-कटने तक को तैयार हैं
जिसे आप देश और देशभक्ति कहते हैं
उस अहसास के बाद,
आप इस देश्भक्ती को, देश के अहसास को
कुछ स्वार्थी गुंडों के कबीले कहना शुरू कर देंगे।
क्युंकि इन देशों की हकीकत यही है।
शायद आगे वाली कुछ पोस्ट बता पाएं की ऐसा कैसे संभव है? या संभव ही नहीं है, बल्की हो रहा है।
No comments:
Post a Comment