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Thursday, August 31, 2023

धर्मांधों के राजनीतिक गुच्छे

नास्तिक को आस्तिक बताना 

आस्तिक को बनाना नास्तिक 

धर्मांधों के राजनीतिक गुच्छे 

हो सकते हैं, कितने भी अनोखे! 


शुभ-अशुभ मुहूर्त होते हैं राजनीतिक 

उत्सवों की तारीखें राजनीतिक 

पढ़ना अपने कैलेंडर कभी ध्यान से 

पता चलेगा कांग्रेस के वक़्त 

उत्सवों की तारीखें क्या थी? 

और भाजपा के वक़्त में क्या रही?


एक राज्य और दुसरे राज्य की 

राजनीतिक सत्ता अलग, का मतलब 

उत्सवों और शुभ मुहूर्तों की 

तारीखें भी हो सकती हैं, अलग-अलग 

या शायद शुभ मुहर्त भी हो सकते हैं दो-दो

आज का दिन भी मुहर्त और कल का भी शुभ। 

आज का बड़े वालों का हो सकता है 

तो कल का, राज्य वालों का।      


मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों से 

चलती हैं, राजनीती की दिमागी प्रणाली 

आम-आदमी को अपने अधीन करने की 

आम-आदमी जाता इन स्थानों पे 

सोच के इन्हें पवित्र, श्रद्धा से औत-प्रोत 

और बन जाता है अज्ञानता में,  

मानव रोबोट बनाने की प्रकिर्या के जालों का, 

इन श्रद्धा की अंधी फैक्ट्रियों का, उत्पाद मात्र। 


ज्यादातर कम पढ़े-लिखे बैठे होते हैं 

इन स्थलों पर 

पुजारियों, मौलवियों, गुरुओं, पादरियों के पदों पर 

जिनकी धार्मिक पढ़ाई चलती है 

ऊपर से फैंकी हुई, धार्मिक-सामग्री पर

धार्मिक सामग्री जो बताती है  

क्या शुभ है और क्या अशुभ है 

क्या-क्या करना है और क्या-क्या नहीं करना है 

कैसे और कब करना है 

धार्मिक-सामग्री भी इस पार्टी की, उस पार्टी की 

तो मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, गिरिजाघर भी

इस पार्टी के, या उस पार्टी के 

और ना जाने कौन-कौन सी पार्टी के! 

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