जहरीले लोग, जहरीला खाना, जहरीला पानी और जहरीली हवा? क्या बस यही बच गया है, हमारे लिए या हमारी आगे की पीढ़ियों के लिए?
"मोदी रोग और अमेरिकन शल्य चिकित्सा भोग" Ki (Or Kia-- IA or AI?) and Operation War P SPEED? शायद कुछ-कुछ ऐसा ही?
CORONA COVID PANDAMIC का असली नाम शायद यही है। G! जी (Ji?), सही सुना आपने। इस एक बीमारी ने या कहो महामारी ने दुनियाँ को बहुत कुछ सिखाया है। शायद ही कोई बचा हो, जिसने इसके असर को नहीं भुगता हो। बिमारी तो कोई थी ही नहीं, बस जहर था, चारों तरफ! झूठ का, धोखाधड़ी का, लालच का, इंसानों के दिमागों में। और उन्होंने फैला दिया या कहो परोस दिया वो जहर, हवा में, पानी में और खाने-पीने में। धरती में और शायद आसमान में भी।
OXY
GEN
की हो गई कमी?
OXYGEN Cylinders हो गए गुल, कुछ-कुछ वैसे ही, जैसे प्याज, टमाटर हो जाते हैं, बाज़ार से खत्म। और बढ़ जाती हैं, कीमतें। सरकारों को गिराने और बनाने के लिए? खासकर गरीब देशों में। ये तो हुई राजनीति।आम आदमी ऐसे में खुद को कैसे बचाए? अपने आपको ज्यादा नहीं तो थोड़ा सा जागरूक करके।
जहाँ-जहाँ जितना हवा, पानी और धरती में जहर है, मान के चलो वहाँ के उतने ही आदमी जहरीले हैं। सभी तो नहीं होते, कुछ हों तो ही बहुत कुछ हो जाता है। उस जहर को कम करने का तरीका क्या है?
साफ खाना, पानी, हवा, हम सब अपने-अपने घर या आसपास ही ऊगा सकते हैं। हमारे अपने घरों या आसपास में कितनी ही तो जगह होती हैं, जहाँ हम ये सब कर सकते हैं। पहले गाँवों में तो ज्यादातर घरों में रसोई-वाटिका (Kitchen Garden) होती थी। अब भी हैं क्या? और कुछ नहीं तो खेतों से ही इतनी सारी सब्जियाँ या फल आते थे, बड़े बुजर्गों से सुनने को मिलता है। गिना सकते हैं उनमें से कुछ एक के नाम आप? शायद उन्होंने भी शहरों का रूख कर लिया है। वहाँ लोगों में रसायनिक छिड़काव (जहर) वाले खाने-पीने और उनके प्रभावों के प्रति जानकारी बढ़ रही है। हमारी आज की ज्यादातर बिमारियों की वजह या तो हमारा रहने-सहने का तरीका है या खानपान और हवा, पानी का संक्रमित होना। उसके बाद हॉस्पिटल पहुँच जाओ, बाकी कमी वो पुरा कर देंगे। टैस्ट के नाम पे ही धोखा धड़ी शुरू हो जाती है, उसके बाद तो पता नहीं क्या-क्या होता है। इसलिए खुद को हॉस्पिटल जाने से बचाना भी अहम है। गाँवों में ये जागरूकता अभी भी उतनी नहीं है, जितनी होनी चाहिय। तो शुरू करें, जहर का असर कुछ कम, अपने खाने से? अपने घर, छत या आसपास में ही बड़ी नहीं तो कम से कम छोटी-छोटी सी रसोई-वाटिका बनाकर, मगर बिना रसायनों के छिड़काव के?
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