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Happy Go Lucky Kinda Stuff! Curious, atheist, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Writing is drug, minute observer, believe in instinct, in awesome profession/academics. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Tuesday, June 11, 2024

References Please?

Game of Probability?

जहाँ, आशँका का दायरा रहता है। जहाँ ज्ञान कम होता है?  

Game of Confirmity?

जहाँ, आशँका के लिए कोई जगह नहीं होती। जहाँ सिर्फ और सिर्फ विस्वास होता है। या ज्ञान-विज्ञान?  

अब पता नहीं, यहाँ Game of Probability है या Confirmity? आपने कहीं References के  लिए request की और किसी ईमेल ने दे दिए? मान लो, वो आपकी यूनिवर्सिटी बचत के कुछ-कुछ ऐसे नंबर दे रहे हों --  

References Please?

इसमें से एक पार्टी कहे 7 लाख काटेंगे। मान लो कट गए। दूसरी कहे 5 लाख। मान लो वो भी कट गए। तो कितने बचे? आम आदमी के हिसाब-किताब से तो शायद, गुजारे लायक फिर भी हों? मगर, इधर-उधर से आवाज़ आए, जीरो बच गए। ख़त्म। धेला नहीं बचा। सब खा गए वो तेरा और साथ में किसी और का भी। शायद? 

वो खा गए पर्सनल लाइफ? स्टेबिलिटी? कैरियर? प्रोफेशनल लाइफ? घर, परिवार, आसपास रिश्तों की तोड़फोड़ और बहुत से लोग? लेकिन इस बचे-कुचे के साथ, फिर से उसी गुंडागर्दी के माहौल में टिक गई, तो क्या बचेगा? क्या गॉरन्टी है, वहाँ फिरसे वही सब शुरु ना होगा? मेरे लिए शायद ये बचत कोड़ी के बराबर हो, मगर शायद कहीं छोटी सोच के लोग,  इधर-उधर से लालच के छोटे-मोटे टुकड़े देकर, बचे हुओं को अपने कुत्ते बनाते तो नज़र नहीं आएँगे? और उसमें बच्चों और बुजर्गों तक को नहीं बक्सा जाएगा? उस सबसे बचने के लिए इतना- सा बहुत है। इस दौरान इधर-उधर, जो देखने-सुनने को मिला, वो सब वही था। 
उसपे आमजन की कैरियर और स्टेबिलिटी की परिभाषा ही गलत है शायद। या शायद सबके लिए एक नहीं। 

बाकी इस पर्सनल भड़ास के अलावा, इस रेफेरेंस में और बहुत कुछ है। ऐसे ही जैसे, इस दौरान देखी और अनुभव की गई ज़िंदगी में। वो आगे आने वाली पोस्ट में मिलेगा।        

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