सँभाल के रखते हो जिसे आप,
वो धरोहर बन जाते हैं।
उसकी आपको, जरुरत चाहे हो ना हो
मगर कद्र जरुर होती है।
क्यूँकि, वहाँ लगाव, जुड़ाव होता है।
वहाँ साफ़-सफाई ही नहीं,
बल्की, टूट-फुट की भी मरमत
पुराने और चमक खोते का भी
रंग-रोगन होता है।
और किसी ना किसी बहाने,
उसका अस्तित्व और महत्व भी
बना रहता है।
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