कैसे पता चलता है, की हमें कोई बीमारी है?
और कौन-सी बीमारी है?
नब्ज देखकर?
बिन पूछे और बिन जाने?
PK के जैसे?
Wifi से?
Wifi, किसी का घर जाने का सिग्नल या सिस्टम?
और किसी का?
दरबार लगाने का जुगाड़ जैसे?
बिन पूछे, आपके दर्द-तकलीफ़ बताना जैसे?
घोर Surveillance Abuse जैसे?
इधर भी और उधर भी?
या?
कोई दर्द या तकलीफ हो तो?
डॉक्टर के पास जाते हैं,
और वहाँ डायग्नोस्टिक्स से पता चलता है?
या वहाँ भी गड़बड़ घोटाला जैसे?
या गड़बड़-घोटाला,
हमारा दर्द या तकलीफ को फील करना ही है?
खाना, पानी या हवा?
कैसे बचें इन प्रदुषित-मिलावटी हवा, पानी या खाने से?
ये तो जिधर देखो उधर है
कुछ जगह नज़र आता है
मगर,
बहुत जगह दिखाई तो साफ देता है
मगर होता, प्रदूषित है।
जैसे कोई pain inducers दे दिए हों,
किसी ने, आपकी जानकारी के बिना?
किसी खाने में, या पानी में?
और डॉक्टर बोले, पथ्थरी है?
डायग्नोस्टिक यही कह रहा है
और आप कहें जैसे, अपने आप से
To hell with diagnostic
किडनी का दर्द कहाँ होता है?
और फिर बोला जाय,
"अभी और टैस्ट करने पड़ेंगे,
शायद पथ्थरी पीत में है"
और आप सोचें,
ये हो क्या रहा है?
Gall Bladder?
कहाँ होता है?
शरीर में या कोड में?
KIDNEY? STONE? GALL BLADDER?
उसके साथ-साथ खास होती है, तारीख भी?
बेटा उड़ ले यहाँ से
"नहीं तो राम नाम सत्य है"
और फिर होता है एक ड्रामा
साइड सीट पे एक डॉक्टर दोस्त
और घर पे चाय बनाते वक़्त पता चले
ये दूध को क्या हुआ?
थैली से दूध निकले ऐसे, जैसे,
कोई सोडा बोतल से।
ना कोई गंध, ना कोई टेस्ट में फर्क
बला क्या है ये?
महज़ ड्रामा?
या प्लान, "राम नाम सत्य है?"
या इससे आगे भी कुछ?
बैग पैक करो और घर उड़ जाओ
और दो ही दिन बाद दर्द गुल?
क्या हुआ किडनी की पथ्थरी का?
या पीत की पथ्थरी का?
वो भी अपने आप उड़ गई जैसे?
बिलकुल ऐसे जैसे,
चिड़िया उड, तोता उड, मैना उड?
या गाएँ उड, भैंस उड, हाथी उड?
क्या है ये सब?
Code Stupid?
ये सिखाएँगे, Paragliding?
और ये, Fly करवाएँगे?
इनसे सीखो Swimming?
और ये सिखाएँगे सिस्टम?
That's the way system works?
System works?
कोड-कोड, युद्ध-युद्ध?
राजनीतिक युद्ध? बाजार युद्ध?
दादागिरी युद्ध?
Science and Technology युद्ध?
आरपार?
आदमी कहाँ है इसमें?
रोबॉटों के, मशीनों के इस युद्ध में?
वो सो गया लगता है, कुम्भकरण की नींद?
ऐसे ही जैसे,
सो जाते हैं स्क्रीन, लैपटॉप या कम्प्युटर जैसे?
क्या हो अगर हर बीमारी को हम ऐसे पढ़ने लगें तो? जरुरत है ना, वक़्त की? और pain inducers ही क्यों, जानकारों के पास तो ऐसे-ऐसे, कितनी ही किस्मों के हथियार हो सकते हैं।
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