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Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Friday, June 7, 2024

सोए हुए को जगाना या जागते हुए को सुलाना जैसे?

Amplifying the latent or dormant?

बुल्लेट? 

पिस्टल? 

डंडा? 

चाकू? 

झगड़े या गुंडा-गर्दी वाले पैसे?  

झगड़े या गुंडा-गर्दी वाली ज़मीन? 

टूटे-फूटे से रिश्ते? 

बदहाली? 

ज़ंजीरें, चाहे सोने की ही क्यों ना हों? 

लड़ाई-झगड़े?

खंडहर?

 

या 


शांति? 

खुले रस्ते? 

खुशहाल ज़िंदगी? 

समृद्धि? 

खुला आसमां और उड़ते पंछी ?

धरोहर? 


किसको सुलाना चाहते हैं, आप?

और किसको जगाना?

ये सब निर्भर करता है की आप व्यस्त कहाँ हैं? अपनी और आसपास की ज़िंदगी को सवाँरने में? या लूटपाट में, एक दूसरे का बुरा चाहने और करने में?

रुकावटों, अवरोधों को खड़ा करने में? या बंद रस्तों को भी खोलने में? बीमारियाँ पनपाने में, मंदिर-मस्जिद के नाम का गोबर (गोबर क्यों कहा?) फैला, मारकाट करने में? खुशहाल ज़िंदगियों को उजाड़ने में? या बदहाल ज़िंदगियों को भी सँवारने में? अपना ना कमाकर, दूसरों का भी हड़पने के चक्कर में? कुछ ज्ञान बाँटने में? या ज्ञान-विज्ञान का दुष्प्रयोग कर, कम पढ़े लिखे लोगों में अंधविश्वास और अज्ञान फैलाने में? अपने आसपास कचरा फ़ैलाने में या साफ़-सफाई करने में? आपकी और आपके आसपास की ज़िंदगी, उसी हिसाब से आगे बढ़ेगी।              

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