Subtle ways of control Or you can say micromanagement
सुक्षम, गोपनीय, चालाकी, धुर्त तरीकों से नियंतरण करना।
ये वो तरीके हैं, जहाँ आपको खबर ही नहीं होती, की जो आप कर रहे हैं, वो आप नहीं कर रहे, बल्की कुछ दुस्ट लोग, दुस्टता से करवा रहे हैं। मगर दिख ऐसा रहा है, जैसे आप कर रहे हैं। कुछ इन्हें दक्षता कहते हैं। कुछ कुशलता। तो कुछ दुस्टता, चालाकी या धुर्तता। आज हम जिस समाज में है, वहाँ ये सब न सिर्फ बड़े पैमाने पे हो रहा है, बल्की ज्यादा क्रूर और घिनौने तरीके से हो रहा है।
इस क्रुरता का एक उदाहरण, अभी हाल की एक मौत है। मैं उसे जैसे समझ पाई।
उससे पहले थोड़ा पीछे चलते हैं 2021, A Special Trip to Jail (Book: Kidnapped by Police)
2021 की उस special jail trip के बाद दिमाग इतना खराब हो चुका था, की मेरा वश चलता तो मैं जेल भेजने वालों के टुकड़े-टुकड़े कर डालती। उसका इलाज एक ही था -- भारत छोड़ना। तुम्हें ऐसे बूचड़खाना देश में रहना ही नहीं। मगर 2-3 केस थे, इस केस समेत -- राजद्रोह (Sedition)।
या यूँ कहो, ये केस बनाये ही मुझे जकड़ने के लिए गए थे। 2015 में मेरा पासपोर्ट आउटडेटिड हो चुका था। उसके रिन्यूअल की प्रकिया ही यूनिवर्सिटी में बनी एक मोटी फाइल और 10-12 महीने के धक्के थे। तब तक तो कोई ऐसा केस भी नहीं था। पिछले कुछ सालों में जो इधर-उधर से बताया या समझाया गया वो ये की किसी को भारत नहीं छोड़ने दिया जाएगा। मगर किसे और क्यों? ऐसा कुछ तो मुझे अपने साथ होता भी प्रतित हो रहा था। राजद्रोह का केस शायद इसीलिए था?
क्युंकि अब तक तो मैं कैंपस क्राइम सीरीज की ऑफिशल फाइल्स इकट्ठा कर चुकी थी और उनको पब्लिश करने की तैयारी भी। क्या कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों के कांडों को जनता को बताना राजद्रोह है? आम लोगों की भाषा में तो इसे शायद सामाजिक दायित्व बोलते हैं। समझ ही नहीं आ रहा था की ये कौन सा राजद्रोह है और कौन राजा का देश, जहाँ जनता को चल रहे खुनी-युद्ध (कोरोना) के बारे में बताना गुनाह हो गया? सच बोलने की सजा राजद्रोह? ये देश, वो कहाँ है, जिसे तुम जानते हो? खैर, यहाँ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राहत देने वाला था।
इसी दौरान, केस-स्टडीज को ज्यादा गंभीरता से पढ़ना, समझना और लिखना शुरू किया। जो समझ आया वो ये की ये दुनिया वो नहीं है, जिसे आम आदमी जानता और समझता है। ये तो कुछ और ही है। ये कोर्ट्स कौन हैं और सरकारें या विरोधी राजनीतिक पार्टियाँ कौन, अब तो ये भी पहेली-सा बन चुका था। इसी दौरान आसपास हुयी कुछ मौतों ने दिमाग और खराब कर दिया। सबसे ज्यादा हैरानी इस बात को लेके थी की इतने सारे ऊपरी तबके को इस सबकी खबर भी है। उसके बावजुद, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्की संसार भर में आदमखोरों ने ये रचा। और कोई उन्हें किसी भी कटघरे में खड़ा करने वाला नहीं है? हम कैसे समाज का हिस्सा हैं?
खैर, मैं इस्तीफा दे चुकी थी -- एक बार फिर से। मगर --
मगर वो सिर्फ इस्तीफा नहीं था। उसके आगे फिर से कोई शब्द था। Enforced Resignation, मतलब, मजबुर करके लिया गया इस्तीफा। जिसमें लूट, कुट, मार और Kick Out सब था। मतलब साम, दाम, दंड, भेद। इन मौतों को भी कुछ-कुछ ऐसे ही समझा जा सकता है। जो एक बार उन रहस्मयी गुफाओं में घुस गए, तो बहुत से उत्तर अपने आप मिलने शुरू हो जाएंगे। आम आदमी को उनमें झांकने की जरूरत है। अपने भले के लिए। अपने आसपास के भले के लिए। इस समाज के भले के लिए।
करना नहीं चाहोगे ऐसे रहस्यों से भरी गुफाओं की सैर?
Subtle ways of control Or you can say micromanagement
सुक्षम, गोपनीय, चालाकी, धुर्त तरीकों से नियंतरण करना।
No comments:
Post a Comment