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Wednesday, May 24, 2023

शोषण कितनी तरह से हो सकता है?

शोषण, दमन या दुर्व्यवहार कितनी तरह से हो सकता है?

मार पिटाई  (Physical Attack) ?

मानसिक शोषण (Emotional और Psychological Attack) ? 

आर्थिक या वित्तीय शोषण (Financial Abuse) ?  

 मानवाधिकार उलंघन (Human Rights Violations) ? 

और भी शायद कई तरह का शोषण हो सकता है। 

इनमें मार-पिटाई, सीधा-सीधा दिखाई देता है। दूसरे तरह के शोषणों में सब कुछ इतना सीधा नहीं दीखता। हाँ! दिखाया, या शायद समझाया जा सकता है, कई तरह से।  मगर कई बार उसके दुष्प्रभाव जानलेवा तक हो सकते हैं। 

मानसिक शोषण (Emotional और Psychological Attack)  

आपसे एक अच्छी-खासी SURROUNDING छीन लेना या छीनने की कोशिश करना। ये बच्चों के साथ भी हो सकता है और बड़ों के भी, वो भी उनको भनक लगे बगैर। Kinda छीन ले, झपट ले, मगर सामने वाले को खबर तक न लगने दे। इंसानों को अलग-थलग करना या करने की कोशिश करना। ऐसा करने के पीछे ज्यातातर, सिर्फ सजा देना अहम् नहीं होता। असली मुद्दा अलग-थलग करने के बाद शुरू होता है। शायद हर तरह से खत्म करने की कोशिश। या शायद कुछ और दुष्चक्र रचना। 

बदमाशी, डराना, धमकाना (Bullying) और गैर कानूनी सजा (Lynching) भी मानसिक शोषण का हिस्सा हैं। उलटी-सीधी टिप्पनी करना या उलटे-सीधे इशारे करना। सीधे-सीधे कुछ न कहकर, उलटी-सीधी भाषा में फेंकना। या शायद वो सब समझाने की कोशिश करना, जिसे आप सीधा-सीधा कहने में संकोच करें, खासकर जब ये पता हो की सामने वाला बर्दास्त नहीं करेगा या उल्टा जवाब देगा। क्युंकि, शायद जो आप सीधा-सीधा कह ही नहीं पा रहे, वो सही नहीं है। सीधे लोग, सीधी और स्पस्ट बात करते हैं। ना की उल्टे-सीधे रस्ते, न की उल्टी-सीधी बकवास।     

आर्थिक या वित्तीय शोषण (Financial Abuse) 

जब बाकी सब तरीके फेल हो जाएँ तो ये तरीका काम आता है। या इसे साम, दाम, दंड, भेद वाले बाकी तरीकों के साथ भी प्रयोग में लाते हैं। अगर किसी की वित्तीय स्थिति कमजोर है तो उसका कई तरह से शोषण किया जा सकता है। ज्यादातर शोषणों से बचने के लिए वित्तीय स्तिथि को मजबूत और स्थिर रखना जरूरी होता है। बहुत बार सामने वाले को पता भी नहीं चलता की ऐसा अपने आप नहीं हो रहा, बल्की किया जा रहा है।  

ये मान के चलिए की ज्यादातर शोषण गरीबों के होते हैं। ज़्यादातर, हमेशा नहीं। 

मानवाधिकार उलंघन (Human Rights Violations) 

इसको इसी पोस्ट में निपटा देना इस टॉपिक के साथ न्याय नहीं होगा। 

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