2024, क्या खास है इसमें?
अगर आपको लग रहा है, की किसी तरह के सामांतर केस की घड़ाई, आपके अपने आसपास चल रही है, या खुद आप पर चल रही है, तो वो कैसी-कैसी हो सकती है? आप तो अनजान हैं?
ज्यादातर सामांतर केसों में, नाम या तो असली केस से मिलते-जुलते हैं या छुपे हुए कोड होते हैं। जो-जो हुआ है, उसके या तो तकरीबन आसपास दिखाते हैं या बढ़ा-चढ़ाकर, इधर-उधर घुमाकर। जिनपर ये होते हैं, उनकी ज़िंदगी पर असर कैसा रहेगा? ये काफी हद तक, उन नामों ने क्या किया है, या उनके साथ क्या हुआ है, उसके आसपास घुमते हैं। मगर जो हो रहा होता है, वो होने वालों को कम समझ आता है, अगर उनकी ऐसे cases की जानकारी कम हो। क्यूँकि, उन्हें सबकुछ थोड़े ही बताया जाता है।
अगर आपको लग रहा है, की किसी तरह के सामांतर केस की घड़ाई, आपके अपने आसपास चल रही है, या खुद आप पर चल रही है, तो वो कैसी-कैसी हो सकती है? आप तो अनजान हैं?
ज्यादातर सामांतर केसों में, नाम या तो असली केस से मिलते-जुलते हैं या छुपे हुए कोड होते हैं। जो-जो हुआ है, उसके या तो तकरीबन आसपास दिखाते हैं या बढ़ा-चढ़ाकर, इधर-उधर घुमाकर। जिनपर ये होते हैं, उनकी ज़िंदगी पर असर कैसा रहेगा? ये काफी हद तक, उन नामों ने क्या किया है, या उनके साथ क्या हुआ है, उसके आसपास घुमते हैं। मगर जो हो रहा होता है, वो होने वालों को कम समझ आता है, अगर उनकी ऐसे cases की जानकारी कम हो। क्यूँकि, उन्हें सबकुछ थोड़े ही बताया जाता है।
जो कुछ करवाया जाता है, उसमें सिर्फ और सिर्फ आपका फायदा दिखाया जाता है, नुक्सान नहीं। नुक्सान बता दिया, तो आप करेंगे नहीं। या फिर आप जल्दी फुलने वालों में हैं, तो गुब्बारे की तरह हवा भरके उड़ाया जाता है। सोचके कम, भडक के जल्दी बोलते हैं? ऐसे ही सोच के कम, भड़काने पे ज़्यादा जल्दी काम करते हैं। तो चालाक इंसानों का तो काम जल्दी हो गया, समझो।
2023 या 2024 इन नम्बरों के आसपास कोई केस है, आपकी जानकारी में? शायद कई हैं?
24? 23? 20? आसपास जानने की कोशिश कीजिये, उन केसों को और उनसे जुडी ज़िन्दगियों को। शायद थोड़ा बहुत समझ आ जाये। केस अलग हैं, इंसान अलग हैं। जगह अलग हैं। मगर फिर भी आसपास घड़ाई (Parallel Case Creations) की, बहुत-सी कोशिशें हैं। इसीलिए बहुत कुछ दिखता भी एक जैसा-सा ही है। हालाँकि, थोड़ा-सा ही झाँकने पे, जबरदस्ती घड़ाई के ज़्यादातर रास्ते और तरीके समझ आ जाएँगे।
मगर क्या हो, अगर आपने जो सुना या देखा है, वो इधर-उधर से ही सुना या देखा है। हकीकत में आप ना उन लोगों को और ना उन केसों को जानते? और ना ही कभी हकीकत जानने की कोशिश की। तो आसपास के केसों की जानकारी या समझ भी उसी अनुसार होगी।
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