Search This Blog

About Me

Happy Go Lucky Kinda Stuff! Curious, atheist, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Writing is drug, minute observer, believe in instinct, in awesome profession/academics. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Saturday, February 10, 2024

इंसानों के मानव-रोबोट फैक्टरी के प्रोडक्शन की कहानियाँ (Social Tales of Social Engineering) 20

अभी तो सिर्फ एक का ही उजाड़ा है ना और उसे भी बढ़िया से ठिकाने लगाने का इंतज़ाम भी किया हुआ है? 

काला कार 20W, काली या काला जीभ दिखा रही/रहा हो, जैसे? मेरी कार के गुंडों द्वारा उठाने के बाद, दो सैकंड हैंड कार आई, इस घर में। दोनों ही छोटे भाई के नाम। और दोनों ही मुझे पसंद नहीं। या शायद मुझे सैकंड-हैंड चीजें, कम ही पसंद आती हैं। भाई के नाम क्यों? कहीं ऑफिस में कोई मीटिंग हो और वहाँ ऐसा कोई कमेंट भी। ऑफिस के लोगों को जब आपके घर के बारे में कोई जानकारी, आपसे ज्यादा हो। क्यों और किसलिए? 5-लाख extortion भी कुछ ऐसा सा ही शायद। जब आपको कुछ कोडॉन के मतलब पता ना हों और वो हर जगह आने लगें। 

20W का मतलब समझ से बाहर था। जाने वाले तो वापस आते नहीं। उसपे, इस कार के कुछ खास Signs, खतरनाक जैसे।    

धीरे-धीरे जाने क्यों, इस कार के प्रति मेरे दिमाग में कुछ ऐसा चलने लगा -- 

अरे, ये कोई खास तरह का बहन-बेटिओं को गंडे देने वाला प्रोग्राम तो नहीं? लड़की गुंडों से यहाँ-वहाँ से भाग रही हो जैसे, मगर वो कह रहे हों, ये तो कर के ही मानेंगे? आखिर हमारे भी कोई संस्कार हैं? पूरी ज़िंदगी में एक बार कहीं सैक्स और वो भी स्कैंडल। ताला लगा ज़िंदगी पे ही, कर दी कितने बढ़िया से ज़िंदगी पुरी? और फिर वो कोई साध्वी मोखरा आ गई थी ना, मेरे गाँव आने के बाद? उसे भी तो निकालना था गाँव से? भाभी थी क्या वो साध्वी या मैं? 

या कोई खास नंबर? निकाल दिया गाँव से? शहरी आ गई लगता है, अब? 100% स्कॉलरशिप वाली शहरी? आ गई? या धकेल दी गई, खास षड्यंत्र के तहत? और माँ, बेटे को लग रहा है, जैसे उन्होंने ही किया है सब? ये करिश्मा है Surveillance Abuse and Invisible Enforcements का। इस Invisible Enforcement में आपस में बोलना छुटवाना, या किसी भी तरह की चाहे छोटी-मोटी ही सही अनबन जैसे होना, किसी भी बहाने, पहला कदम है। जिन्हें कोई चूड़े तक पसंद ना हों, वो कोई महाचूड़ी कैसे ला सकते हैं? वो भी बहन तक को अँधेरे में रख? और जैसे ही उसे खबर हो, प्रोग्राम ही prepone हो जाता है, या कहो की करवा दिया जाता है। अहम ये की किसके द्वारा?         

Dea Kin? 

Accept the offer 100% स्कॉलरशिप?

ठीक ऐसे?


ये तस्वीर Deakin यूनिवर्सिटी के पेज से ली गई है।

Young? Beautiful and Dynamic?  
मगर जो घर वि --राज --मान हुआ है, वो तो कुछ और ही बला है।  
    
No offence to the University or anything on this page. 

Rather, what I wanna convey, is that universities or higher education institutes could have solutions to such ruthless exploitation of common people, having no knowledge of today's tech world capabilities.     

"अलग-अलग महाद्वीपों की यूनिवर्सिटीज की खासियतों (शोधों) पे आने वाली पोस्टस में काफी कुछ होगा, खासकर उनके समाजिक प्रभावों पर", किसी पोस्ट में लिखा था शायद? 

मैं ऑस्ट्रेलिया को जानने की कोशिश कर रही थी, खासकर Australian Universities और क्या खास है वहाँ? ऐसे ही किसी यूनिवर्सिटी के विडियो को देखते हुए, इस यूनिवर्सिटी का विज्ञापन आ गया, ध्यान आकर्षित करने के लिए। और अचानक से काफी कुछ एक साथ दिमाग में घुम गया। खासकर, आसपास की कुछ खास शादियाँ (खासकर दो) और अजीबोगरीब-से जमीनों के झगड़े।        

चलो जमीनों से परे थोड़ा AI (Artificial Intelligence) पे आएँ। या targeted विज्ञापन पर? या पिछले कुछ महीनों में हुई इन खास दो शादियों पर? भाभी के जाने के बाद। एक आसपास के ही घर और एक खुद के। ज्यादातर को दोनों ही पसंद नहीं आई या कहो समझ ही नहीं आई। पसंद तो बहुत बाद में आता है। 

जब आसपास वो शादी हुई, तो आसपास काफी खुसर-पुसर हुई। ठीक वैसे, जैसे इधर। इंटरकास्ट थी, इसलिए? या उससे आगे कुछ, इसलिए? मैं ये जानने की कोशिश में थी, की आसपास कोई और भी ऐसी शादी हुई है क्या? जैसा पहले से ट्रेंड बता रहा था। और लो जी, दूर क्यों ढूढ़ रहे हो?

"दीदी, विनय-पूजा केस भूल गए?" 

वो तो लव मैरिज थी। महज घर वालों के ऑब्जेक्शन को छोड़ दें तो। उस वक़्त आज वाला, hifi tech world भी नहीं था। और वो केस इस कदर एक्सट्रीम भी नहीं था। और वहाँ शायद एक के बाद एक, इतने सारे Enforcements भी नहीं थे। पहले भाभी की मौत, फिर गुड़िया का अपहरण जैसे। फिर ये खास घर एंट्री। और फिर मंझले भाई का अपहरण और जमीन को हड़पना जैसे। सब कुछ मिलता-जुलता सा लग रहा है जैसे। या अलग-अलग, किस्से-कहानी हैं?       

प्रश्न ये नहीं है, की ये शादियाँ किसी को पसंद हैं, की नहीं हैं। कितने दिन चलेंगी या नहीं, ये भी नहीं है। 

इसका जवाब ये है, की ये सब सिर्फ Surveillance Abuse नहीं है, बल्की इंसानों के मानव-रोबोट फैक्टरी के प्रोडक्शन की कहानियाँ हैं। मानव रोबॉट प्रोडक्शन फैक्टरी, इस राजनीतिक पार्टी की और उस राजनीतिक पार्टी की।     

सेल सिर्फ जमीनों की होती, तो भी देखा जाता। ये तो मानव-रोबोट्स फैक्टरियों में, इंसानो की सेल हो रही हैं। बिलकुल वैसे, जैसे Slaves की होती हैं।       

और कहानी इतनी भर नहीं है। 

Next Generation रोबॉट्स प्रोडक्शन के तरीकों को जानोगे, तो क्या सोचोगे, इस महान HiFi संसार के बारे में? F और M ज़ोन स्पैशल भी कुछ चल रहा है, जो मुझे समझ आया। और इस F के साथ-साथ, एक और F जोन गाड़ी, कभी इधर तो कभी उधर। मतलब, जैसा आपके सामान के साथ हो रहा है, वैसा-सा ही कुछ इंसानों के साथ? और लोगों की ज़िंदगियों को जैसे 24 Hours स्क्रिप्टेड शो बना रखा हो। बिलकुल, जैसे लैब प्रोटोकॉल्स में होता है। कितना, क्या-क्या चाहिए। क्या-क्या मिक्स करना है। क्या-क्या, अलग-अलग रखना है। कहाँ-कहाँ रखना है। किन conditions में रखना है। कब तक रखना है। और कब, कहाँ चलता करना है। और हो गया काम।      

ठगे-ठगे से महसूस कर रहे हैं, 

कुछ उधर भी 

और कुछ ईधर भी?

और उन्हें मालूम ही नहीं, 

की जो हुआ है 

या हो रहा है 

वो सब क्यों और कैसे हो रहा है?   

Impact of surveillance abuse and invisible ways of Enforcements on Society 

No comments:

Post a Comment