Search This Blog

About Me

Happy go Lucky kinda stuff. Lilbit curious, lilbit adventurous, lilbit rebel, nature lover. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct. Sometimes feel like to read and travel. Profession revolves around academics, science communication, media culture and education technology. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Sunday, February 4, 2024

काबलियत इंसानों को ही मानव-रोबॉट बनाने की? मगर इरादे गलत? (Social Tales of Social Engineering) 13

 मान लो 

एक है चाबी, किसी VYSYA  बैंक की 

एक है अलमारी, GODREJ की 

अब अलमारी और चाबी है, तो ताला भी होगा? 

लेकिन, जो चाबी VYSYA  बैंक के छल्ले मैं है, वो GODREJ की अलमारी की तो नहीं है। 

अब? 

अगर GODREJ की अलमारी पे ताला है, तो कैसे खुलेगा ?

या तो उसकी चाबी से, या नई चाबी बनाकर?

या ताला तोड़कर?   

आप कौन हैं, और क्या परिस्तिथि है? उसी हिसाब से तो काम करेंगे?

अगर अलमारी आपकी है, तो चाबी आपके पास होगी। 

आपसे गुम गई है, या चोरी हो गई है, तो नई लगवा लेंगे।    

ताला तोड़ने की नौबत कब आएगी?

जब ना आपकी चाबी मिले और ना ही चाबी लगाने वाला ?

फिर?

बहुत जरुरी नहीं हो, तो पड़ा रहने देंगे?

बहुत जरुरी होगा, तो तोड़ना पड़ेगा?

आपको अलमारी प्रयोग करनी है। खाली पड़ी है?

या आपकी अलमारी में कुछ खास है, जो आपको चाहिए?   

या शायद अलमीरा आपकी है ही नहीं? आप चोर हैं?    

तोड़ने के तरीके क्या होंगे?

ईंट, पथ्थर, हथोड़ा या पिस्तौल?

अब ये भी निर्भर करता है, की आप कौन हैं? और आपके पास, क्या आराम से उपलभ्ध है?

ये कोई अलमारी भी हो सकती है। कमरा भी। और घर भी। और ऑफिस भी। 

 

क्या आप ऐसा ही इंसान के साथ कर सकते हैं? वो भी उसे महज़ कोई अलमारी, कमरा या घर जैसी निर्जीव वस्तु समझकर?

और अगर कोई ऐसा ही कहीं कर रहे हैं। तो वैसे-वैसे से ही, या उससे भी ज्यादा चोट वाले काम, कहीं और हूबहू करवा सकते हैं? वो भी ऐसे की जिनसे ऐसा करवा रहे हों, उन्हें खबर भी ना हो, की कोई और उन्हें किसी मानव-रोबॉट की तरह प्रयोग कर रहे हैं? 

ये हूबहू घड़ाईयों के किरदारों को तो ऐसे लग रहा है, जैसे वो सब खुद ही कर रहे हैं? 

और शायद कर भी रहे हों?  

मगर, फिर ये गुप्त तरीके से ऐसा करवाने वाले कौन हैं? और कहीं वो ऐसा करते वक़्त, कुछ ज़िंदगियाँ तो बर्बाद नहीं कर रहे? या शायद घर के घर? मौहल्ला और समाज ही?   

जिनके पास इतनी काबलियत है की वो इंसानों को ही मानव-रोबॉट की तरह प्रयोग करने लगें, वो भी गलत या खतरनाक इरादों से। क्या वो उस काबलियत का सही प्रयोग नहीं कर सकते? 

कुछ ऐसे ही असली ज़िंदगी के और केस लें? आगे किन्हीं पोस्ट में।  

No comments:

Post a Comment