कुछ साल पहले मैं Sign language जैसा कुछ अध्ययन कर रही थी। यूँ कहो की शुरू ही किया था। और ये मेरा पियक्कड़ भाई। पियक्कड़, गलत शब्द हैं। क्यूंकि विज्ञान के हिसाब से तो ज्यादा पीना भी बीमारी की श्रेणी में आता है। मेरे पास पहुँचता है यूनिवर्सिटी, अब यहीं रहुँगा। बढ़िया। इसका कुछ सामान भी आ गया वहाँ। सामान के नाम पे, एक एकलौती godrej की अलमारी।
यहाँ इस थोड़ी-सी जमीन पे विवाद का मतलब, लोकेशन ही सब है? उस जमीन का कोढ़ है? और फिर से किसी खास तरह की सामाजिक सामांतर घड़ाई? ये YES! बैंक की चाबी कौन थमा रहा है?
चार कनाल में से दो कनाल जमीन आराम से ली जा सकती है। भला पीने वाले की जमीन लेना भी क्या मुश्किल? खासकर, अगर कोई बचाने वाला या होशोहवाश में, माँ, बहन, भाई या कोई ऐसा और रिस्ता ना हो तो। बोतल दो और ज़मीन लो और जल्दी से उसे भी चलता करो, दुनियाँ से।
किस पे इल्ज़ाम आना है? पता चलता है की ये तो अपना ही लक्ष्यदीप है। बचाने की कोशिश कर रहा है शायद बेटा, चाचा को भी और उसकी ज़मीन को भी?
वैसे ये VYSYA से होते हुए YES बैंक तक की कहानी क्या है?
GODREJ अलमीरा का इन सबसे कोई लेना-देना?
YES! 16? TYPE? अरे Doc साहब, मुन्ना भाई MBBS वाले? और ये पता चलते ही किसी ने किनारा कर लिया?
और फिर HDFC, ROHTAK? वैसे गाँव में कई सारे बैंक होते हुए, रोहतक में नया अकॉउंट खुलवाने के पीछे मकसद?
कौन-सी राशि हो सकती है ये? वही COVID वाली? वैसे पॉइंट के बाद, जमीनों के हिसाब-किताबों में इतने सारे डिजिट लगते हैं? मुझे तो बड़ा अजीब लग रहा है। ये कौन-से वाले कोर्ट के हिसाब-किताब हैं? जानकार अगर कुछ बता पाएँ? इससे आगे भी एक फरहा और भी ज्यादा रोचक है। उसके लिए अलग से एक खास पोस्ट लिखनी पड़ेगी।
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