28-01-2024 को कोई नौटंकी होती है। बच्चों द्वारा करवाई जाती है।
कोई आकर बोले, Sister दरवाजा खोल दो, आपके घर के ऊप्पर हमारी बॉल आ गई।
मेरे यहाँ?
हाँ, Sister।
ओ Sister के भाई, गामां मैं पहली बात ते Sister ना होया करे। बेबे होया करे।
ठीक सै बेबे।
अर, बॉल, हमारे यहाँ नहीं। इस बंद पड़े खंडहर के अंदर गई।
तो वहाँ से निकालने दो।
हमारे यहाँ से तो रस्ता बंद किया हुआ है मैंने। तुम जैसे बॉल वालों से बचने के लिए।
फिर कैसे निकालें?
अंदर जाओ।
मगर कैसे?
जहाँ खड़े हो, वहीं से।
पर ये तो बंद है।
हाँ। दिखावे मात्र।
चाबी दे दो।
मैं इसकी चाबी नहीं रखती। वहाँ सामने मिल जाए शायद या जिनका ये घर है, उनके पास। नहीं तो बॉल ही चाहिए तो खुला पड़ा है ये।
पर ताला?
तुम्हारे जैसों के लिए। साइड से देख।
खँडहर और अपना नन्हा-मुन्ना
हाँ। ये बुआ रौशनी वाला घर ही है।
मगर, बुझो तो जाने में ये कौन-कौन हैं?
कितने आदमी थे रे विराट?
चलो राज को राज ही रहने दो।
क्यों Vi... ? या Ka... ?
बॉल उठाई और बाहर। ये खास बड़े खिलाड़ियों वाला in, out, तो नहीं?
सुना है, बड़े-बड़े लोग खेलते हैं?
वैसे, ऐसा क्या खास सामान हो सकता है इस खंडहर में और किसका?
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