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Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Thursday, April 27, 2023

शैतान-दिमाग! तोड़फोड़-भेझे!

Let's Crack

Let's Break

Let's Kick Out

Let's Finish Off

क्या है ये सब? ऐसा ही बहुत कुछ और भी। 

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थोड़ा कम्प्युटर करें?

हाँ दो। 

और मैंने एक लैपटॉप उसे थमा दिया। 

उसने इंटनेट चलाया और अपने कार्टून्स देखने लगी। थोड़ी देर बाद आपने फिर वही प्रश्न दोहराया। Can we do some computer work?

No! गुस्से में। 

क्यों? कम्प्युटर आपको अच्छा नहीं लगता?

लगता है। 

फिर?

मुझे मम्मी वाला लैपटॉप चाहिए। 

अबकी बार जाऊँगी तो ठीक करवा लाऊँगी। अभी इसी पर कर लो। 

ये ठीक कैसे हो गया ? वो क्यों नहीं हुआ ? मम्मी का था इसलिए ?

एक गन्दी-सी कम्प्युटर शॉप पे गयी थी। उसने नहीं किया। 

अच्छा। उसने ये कैसे कर दिया ?

He is a bad guy. That's why. 

तो किसी और शॉप से करवा लेते। 

दिल्ली या चंडीगढ़ साइड जाना होगा, तो हो जाएगा। 

क्यों रोहतक में कोई और शॉप नहीं है?

है। एक दूसरे से भी करवाया था। वो भी bad guy निकला। 

दिल्ली, चंडीगढ़ भी bad guy निकले तो?

आपको नया मिल जाएगा। 

मुझे तो यही चाहिए। 

OK, ऐसा ही मिल जाएगा। 

ऐसा नहीं, यही। 

हुँ! और आप चुप। उसे मालूम ही नहीं, की आप ऐसे-ऐसे, कैसे-कैसे, कई और खुरापातियों की वजह से खराब लैपटॉप लिए हुए हैं। जिसमें एक इस जिद्दी बच्चे का भी टैबलेट है। थोड़ी-सी जिद शायद अच्छी भी है, खासकर तब, जब सामने वाले ने, सिर्फ और सिर्फ शैतानी के इरादे से ऐसा किया हो। 

इन्ही समस्याओं के चलते कभी ज्यादा महँगा लैपटॉप लिया ही नहीं। स्टार्टिंग रेंज लो। खराब हो जाए तो ठीक कराने के नाम पे ज्यादा धक्के खाने की बजाए, नया ले लो। ऐसे bad guys लोगों को जब इसका पता चलता है, तो वो और ज्यादा खराब करने लगते हैं, शायद। 

और ऐसा नहीं है, की ये समस्या सिर्फ़ लैपटॉप या टेबलेट्स के साथ ही हैं। ऐसे bad guys हर प्रोफेशन और हर फील्ड में हैं। किसी में कम तो किसी में ज्यादा। वो ना कोई इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंस या व्हीकल बक्शते हैं और ना ही इंसान। Bad guys, मतलब जानवर, शैतान और भी शायद बहुत कुछ ऐसा-ही? हम उस दुनिया में हैं, जहाँ लोग शवों पे भी पैसे बनाने के चक्कर में रहते हैं। बचे-खुचे लोगों को एक दूसरे से भिड़वाने के चक्कर में रहते हैं। फिर एक छोटा-सा लैपटॉप बला ही क्या है? 

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