Character Animation to Real Characters Changes
Image Design
Image Movers
Character Animation to Real Characters Changes and manipulations
Media Immersion (अहम हिस्सा cult politics का) kinda, they practice baptism?
Assisted Murders or Well Designed Murders?
सोचो किसी कहानी के बारे में इतने सारे लोगों को पता हो, की ऐसा हुआ तो ऐसा होगा और ऐसा हुआ तो ऐसा। और हर एक अगले कदम पे वैसा ही हो रहा हो? तो उसे क्या कहेंगे? Ditto lab practical practices.
Assisted Murders?
या Well Designed Murders?
केस सुशीला कार
कॉलेज के दिनों की बात है। YD, किसी को बहन कहता था। सुन्दर नयन-नक्श, सफेद रंग, अच्छी खासी लम्बी, चेहरे पे ज्यादातर हंसी और मीठा बोलने वाली लड़की। सुष्मिता सेन या ऐश्वर्या राय की सुंदरता उसके सामने पानी भरे। मेरे से सीनियर। मुझे छोटी बहन मानती थी। P, नाम के किसी लड़के को पसंद करती थी। मगर उसे शायद कोई और पसंद करता था, JD। लव मैरिज हुई, मगर बहुत ही जल्दी तलाक भी हो गया। शायद 6-महीने या साल भर के अंदर ही। होना ही था शायद। इतने रूढ़िवादी माहौल में जो आई थी। उसके बाद कोई खबर ही नहीं हुई। कहाँ गई? क्या हुआ? क्यूँकि, अगर ज़िंदा होती तो ऐसा तो सम्भव ही नहीं था की एक फोन तक ना हो। क्यूँकि, मुझे वो बहुत पसंद करती थी। आसपास के जोकरों (दोस्तों) से पूछा भी, मगर किसी ने कोई सही-सा जवाब नहीं दिया। कई बार ऑनलाइन कुछ हिंट्स मिले, खासकर उन दिनों, जब मैं खुद suicidal थी। H#16, टाइप-3, 2013 या 2014 शायद, मेरी यहाँ-वहाँ, उस घर और surveillance abuse की शिकायतों के दौर से पहले। हिंट्स ये की वो सुसाइड कर चुकी। ऐसे ही कुछ हिंट्स फिर से आने शुरू हो गए, वही ऑनलाइन, जब मैंने ये कार ली, जो कुछ महीने पहले 14 को ब्रेक फेल हुई। मगर, ये हिंट्स थोड़े डरावने थे। कोई ख्याली (Image Creation, alternation, manipulation to extreme) घड़ाई? क्यूँकि, यहाँ तो इन्हें सामान्तर घड़ाई भी नहीं कहा जा सकता। P और JD दोनों मुझे बहन मानते थे। दोनों से छोटी (जूनियर) भी थी। जिस JD से उन्होंने शादी की, वो तो था ही गाँव से। उन दिनों ऐसा कोई गोबर या कीचड़ नहीं मचा हुआ था, जो समझ से परे, बहुत परे, लोगों ने इतने सालों बाद मचाया। जाने कैसी राजनीतिक लड़ाईयों का हिस्सा।
जिस दिन मेरी कार के ब्रेक फेल हुए, मेरे दिमाग में उस वक़्त कोई और नहीं, बल्की सुशीला दीदी ही थे। एक तो वो जगह, उसपे पहले से ही ऐसे ऑनलाइन हिंट्स, खासकर पानीपत एक्सीडेंट के बाद। ये ब्रेक फेल वाली जगह, और वो रोड, उस जगह से बस थोड़ा-सा ही आगे था, जहाँ वो मैरिज करके आए थे। तब शायद मैं M.Sc. में ही थी या शायद PhD शुरू हो चुकी थी।
यहाँ अहम प्रश्न, मुझे उस दिन दीदी ही याद क्यों याद आए? दिलाए गए। दिमाग में ऐसा डाला गया। ये कार किसने और क्यों दिलाई? क्यूँकि, लेने वालों को ऐसा कुछ नहीं मालूम, जैसा मेरे दिमाग में इन हिंट्स ने डाला। मैंने किसी को इस सुसाइड वाले हिंट और उससे किसी कार का कनेक्शन जोड़ने वाला ऑनलाइन हिंट बताया ही नहीं। क्या इसे सिर्फ surveillance abuse कह सकते हैं? या दिमागों को ऐसे alter करना की आसपास या जानने वालों को खबर तक ना हो, की हुआ क्या है। और हिंट्स भी कैसे? Google Search । आप सर्च इंजन में कोई शब्द लिख रहे हैं, उसके अलग-अलग, मतलब जानने के लिए और वहाँ अजीबोगरीब enforcements या हिंट्स मिलेंगे। एक छोटा सा कार बिल और आसपास कितने ही लोग कितना कुछ नौटँकी कर चुके उसके आसपास। और जिनसे नौटंकी करवाई जाती हैं, उन्हें शायद कुछ मालूम ही नहीं होता की वो सब क्या कर रहे हैं? शायद से उन्हें कुछ और ही बताया जाता है। ऐसा क्या खास है उस कार खरीदने वाले बिल में? किसी के लिए कोई कार इतनी डरावनी? मगर किसी और के लिए बहुत अच्छी भी हो सकती क्या? शायद? और शायद इसीलिए किसी ने माँगी भी? आप कोई और लेलो, ये मुझे देदो। या ये घढ़ाईयाँ ही अहम हैं, खासकर, अगर बचाव के रस्ते समझ ना आएँ तो? क्यूँकि, ऐसा ही कुछ रचके, लोगों से घर, जमीने और आदमी तक लिए गए हैं। कई किस्से हैं ऐसे भी, यहाँ-वहाँ से, वो फिर कभी।
वैसे, इस कार के उस 14 वाले ब्रेक फेल के बाद, कुछ और भी घुमा दिमाग में। YD ने शायद कोई हिंट दिया था, किसी बात के दौरान, "जानते हो ऐश्वर्या राय कौन है"? कौन है? उस वक़्त मुझे कुछ समझ नहीं आया।
राय-गढ़? उस दिन उस कार में मेरे साथ रायगढ़ दरबार था? पड़ोस से वही स्कूटी वाली लड़की और उसकी छोटी-सी गुड़िया। रायगढ़, जिसने शुरू से ही V को उल्टा टांगा हुआ है? मेरे अपने घर में ही नहीं, बल्की आसपास के घरों में भी? ये अब जबसे घरों और इमारतों को पढ़ना शुरू किया, तब से कुछ-कुछ ऐसा ही समझ आया। सबसे बड़ी बात, इस V को उल्टा टाँगने में, उनके अपने यहाँ हादसे हुए हैं।
ऐसा ही कुछ-कुछ ये रेखता है शायद? पता नहीं लोगबाग, कैसे-कैसे कोड, घररर कोढ़ लिए घुमते हैं? वो भी, अच्छी-खासी दोस्त थी (One of the best)। फिर क्या हुआ? पता नहीं। बहुत पहले ही (दिल्ली टाइम्स) कोई Hebrew-Webrew जैसे, कोढ़ चलने लगे थे वहाँ। ये किस्सा फिर कभी।
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