UPPSALA
कई बार ऐसा होता है, की आप देख, सुन कुछ रहे होते हैं और सर्च कुछ और ही करने लग जाते हैं। ऐसे ही एक दिन कोई आर्टिकल पढ़ रही थी Uppsala से संभंधित। और जाने दिमाग में कहाँ से किसी गाने के बोल ध्यान आ गए। गाना तो पता नहीं चला, मगर कुछ अजीबोग़रीब-सा सर्च रिजल्ट मिला।
मैंने गूगल सर्च इंजन में लिखा up sala in hindi
सोचो सर्च इंजन ने क्या रिजल्ट दिए होंगे?
कुत्ती, कमीनी, बला बला बला
इसे पढ़कर गुस्सा आया, ये क्या बकवास है?
और फिर से अपना लिखा हुआ पढ़ा और थोड़ा बदल कर लिखा up sala lyrics in hindi
जिस गाने के बोल उस वक़्त दिमाग में आए थे, वो तो नहीं मिले। कुछ और ही आलतू-फालतू आ रहा था। मगर, ये था क्या? जैसे आपने किसी को गाली दी हो और वो बदले में आपको थोक के भाव सुनाने लगे? मतलब पढ़ाने लगे कितनी ही ऊटपटाँग गालियाँ? ये कौन-सा और कैसा AI response था?
और ये कैसी खबरें हैं?
कुछ वक़्त से US सर्च चल रहा है। काफी कुछ रोचक-सा होता है। जिसे पढ़कर या देखकर लगे, ये तो कुछ सामान्तर घड़ाई-सा है। मगर स्तर कुछ और ही है। एक दिन ऐसे ही कोई सर्च हो रहा था और
आप कोई न्यूज़ देख रहे हैं और
अरे ये क्या है?
Scroll up-down again
और?
जब देखते-देखते शब्द, रंग, हुलिआ या नज़ारा ही बदला नज़र आया।
कुछ का कुछ पढ़ने या देखने को मिले, जो सच ना हो।
शायद कहीं कोई समानता दिखाने के लिए या विभिन्नता?
या क्या बला है ये? और अहम, कैसे होता है?
ऐसे कई बार होता है, जब कुछ सर्च इंजन में लिखा और सर्च अपने आप scroll down होकर किसी खास आर्टिकल पर रुक जाए। आप फिर से scroll up करें और फिर से अपने आप scroll down होकर, उसी आर्टिकल पर जाकर रुक जाए। कई बार तो उसके सिवा कुछ पढ़ने ही ना दिया जाए और वो विंडो पेज अपने आप गुल हो जाए। जैसे जबरदस्ती हो, की जो हम पढ़ा या दिखा रहे हैं, बस वही पढ़ना या देखना है।
कुछ-कुछ वैसे ही, जैसे आप कोई ट्रायल करके देख रहे हों या समझने की कोशिश कर रहे हों और अपने आप कुछ क्लिक हो जाए, जो आपने किया ही ना हो। और उसके पैसे भी आपके अकॉउंट से कट जाएँ। और जल्दी में आपको वो पेज ही बंद करना पड़े।
बच्चों और अंजान लोगों के साथ ऐसा कुछ ज्यादा ही है शायद, जो किसी भी विषय के बारे में उनका दृश्टिकोण बनाता है। वो भी ऐसे-ऐसे विषयों पर, जो उस वक़्त उनकी ज़िंदगी में अहम हों। इस पर आगे किसी पोस्ट में।
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