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Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Saturday, May 11, 2024

स्टीकर ले लो स्टीकर (Social Tales of Social Engineering)

स्टीकर ले लो स्टीकर

अरे भैया कैसे दिए?

2 का। 5 का। 15 का। 20 का। 50 का। 100 का। 200 का। 500 का। इससे महंगे भी हैं। आपको कौन-सा चाहिए? किसपे लगाने वाले  चाहिएँ? फ्रीज पे? वॉशिंग पे? स्टडी टेबल पे? रसोई घर की दिवार पे? ड्राइंग रुम की दिवार पे? बाथरुम की दिवार पे? फर्श पे? कॉपी-किताब पे? कपड़ों पे? गाडी पे। और भी बहुत तरह के हैं। जैसे नेताओं के। अभिनेताओं के। वैज्ञानिकों के। किसान, जवान के। बहुत हैं। पेड़-पौधों के। पशु-पक्षियों के। जानवरों के। कीड़े-मकोड़ों के।  

अरे नहीं। जैसे झगड़ों के, बिमारियों के, टूटफूट के। मौतों के। और उनके सिस्टम से संबंधों के। हैं क्या? 

अभी तो नहीं हैं। बड़े गोदाम वाले साहब से पूछना पड़ेगा, शायद उनके पास हों। 

ठीक है। पूछ के बताना।               


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