Or is it only some kalakaary on my laptop or the twitter pages I watch?
गुनाह कई स्तर, पर एक साथ। मतलब साफ़, एक या दो आदमी, तो कर नहीं रहे। टीम की टीम लगी हुई हैं, समाज को जुर्म की तरफ धकेलने में। यही नहीं, अपने आपको समाज-सुधारक या अपने-अपने क्षेत्र के महान बताने वाले भी, वो सब भी देख और सुन रहे हैं। चाहे फिर, वो डिफेंस हो या सिविल, जुडिशरी हो या पुलिस। मीडिया तो है ही। कैसे?
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