या हूबहू नकल कैसे होती है? क्या उसके लिए कोई Mind Wash या Mind Control ट्रैनिंग होती है?
या कोई इंसान हो 20 या 22 का, मगर दिखाना हो 30 या 40?
40 या 50 का, मगर दिखाना हो 60 या 70?
बच्चा, मगर दिखाना हो बड़ा या बुजुर्ग?
हडियल, मगर दिखाना हो मोटा?
मोटा, मगर दिखाना हो हट्टा-कट्टा या हडियल?
छोटा, मगर दिखाना हो लम्बा?
हो लम्बा, मगर दिखाना हो छोटा?
ऐसे ही हो ठीक-ठाक, मगर दिखाना हो बीमार?
पहले तो कल्पना के पँख लगाओ और जैसा बनाना है वैसा सोचो। अब उसे वैसा बनाने के लिए क्या-क्या करना है या चाहिए वो सोचो। और हो जाओ शुरू। चलो बनाते हैं हुबहु कॉपियाँ।
बहुत-सी, बहुत तरह की घड़ाईयाँ मिलेंगी। ज्यादातर घड़ाईयोँ में बहुत ही आम बोलचाल के जैसे कोड होते हैं। वो आम आदमी के पास कैसे आते हैं? वही कोड बताते हैं की वो सामान्तर घड़ाई या घड़ाईयाँ किस पार्टी ने घड़वाई होगी और किसके खिलाफ? वो किसी हक़ीक़त के आसपास भी हो सकती हैं और उसके बहुत दूर भी। जैसे in-out वाले महान। ये रोजमर्रा की छोटी-छोटी या अदृश्य-सी चीजें ही बड़े कारनामें करने या करवाने में कारगार होती हैं।
माइक्रो मीडिया लैब (Micro + Media + Lab)
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