एक विडिओ सामने आया -- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का। रजिस्ट्री से सम्बंधित कुछ था, उसमें। क्या खास है? मुझे लगा शायद कुछ था।
पिछले कुछ साल से थोड़ा बहुत Registry Edit को समझने की कोशिश कर रही थी। अलग-अलग लैपटॉप पे कुछ-कुछ अलग है। ब्रांड, कॉन्फिग्रेशन, रंग के साथ-साथ और क्या-क्या गाते हैं, ये लैपटॉप? वो सब किसी और पोस्ट में। कोई बोले, ये लैपटॉप आप इसे नहीं दे सकते। वो, उसे नहीं दे सकते। क्यों, मेरे लैपटॉप, मेरी मर्जी मैं जिसे दूँ। नहीं दे सकते। ये इसे नहीं देने देंगे। और वो उसे। अजीब नहीं है? आम आदमी के हिसाब से तो कुछ ज्यादा ही अजीब। गुंडागर्दी है ये तो।
चलो ये तो लैपटॉप है। किसी ने किसी गाडी के बारे में बोला, इसे शहर से बाहर मत ले जाना। क्यों? मेरी गाडी, मैं जहाँ ले जाऊँ। शहर से बाहर जाना होगा तो क्या बस से जाना पड़ेगा? और लो भुगतो, एक्सीडेंट ड्रामा 2018 । खैर, उसके बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ। शायद वो ड्रामा ये बताने को ही था की क्यों नहीं? या पार्टियों को सामान्तर केस घड़ाई से मतलब। इनसे किसी तरह के नंबर बनते हों शायद उनके। मगर कहीं-कहीं तो जाने कैसे-कैसे राजनीतिक ड्रामे इंसान को ही ले जाते हैं। लोगों को समझाने की कोशिश करो, की तुम गलत कर रहे हो। ये उस इंसान या इंसानों के लिए सही नहीं है। तो कहीं-कहीं, तो शायद तुम्हारा ही बॉयकॉट होने लग जाए। उन लोगों को शायद मालूम ही नहीं, की कुछ चीजें लोगों को कुछ और कहके कराई जाती हैं, मगर उनके परिणाम कुछ और ही होते हैं। खैर, आएंगे इसपे भी। फिलहाल Editing -- Registry Editing।
भाभी के जाने के बाद काफी कुछ बदला। बहुत कुछ जैसे बदला या समझ आया, वो या तो सही नहीं था या मुझे शायद कुछ ज्यादा समझ आने लगा था। आमजन से थोड़ा ज्यादा, --एक्सपर्ट्स से ज्यादा नहीं। इंसानों का व्यवहार। उसमें कितनी Editing हो सकती है? और कैसे-कैसे? जिनपे वो Editing हो रही थी या हो रही है, उन्हें कुछ अंदाजा भी है, की क्या और क्यों हो रहा है? शायद, जिसे समझ आने लगा था, उसे जरूर दूर भगाने की कोशिशें हुई। मगर एक बच्चे का सवाल भी है यहाँ। तो दूर जाने का तो मतलब ही नहीं था, वो भी बेवकूफों के भगाने की कोशिशों पे।
क्या है Editing (संपादन) ?
गूगल बाबा के अनुसार, सम्पादन का अर्थ :
'सम्पादन' का शाब्दिक अर्थ है- किसी काम को अच्छी और ठीक तरह से पूरा करना या प्रस्तुत करना। किसी पुस्तक का विषय या सामयिक पत्र के लेख आदि अच्छी तरह देखकर उनकी त्रुटियां आदि दूर करके, उन्हें प्रकाशन के योग्य बनाना।
मगर यहाँ शाब्दिक अर्थ की नहीं, इंसान के व्यवहार को Edit करने की कोशिशों की बात है। मतलब, गुप्त मतलब। कितने तरीके हो सकते हैं, इसके? कहाँ-कहाँ प्रयोग या दुरूपयोग हो सकता है, इसका? कोई editing के नाम पे molest या रेप कर सकता है? बच्चे को अपने घर से निकाल सकता है? अपनों से दूर कर सकता है? किसी को दुनियाँ से ही उठा सकता है? कुछ भी संभव है, इस अनोखी editing में। इस ज्ञान से सम्बंधित कोई किताबें भी हैं, क्या? होंगी जरूर, पर शायद interdisciplinary form में। I would like to know more on such specializations.
दुरूपयोग, रिश्तों के तोड़, जोड़, मरोड़, बदलने या खत्म करने में।
इंसानों को, अपने ही खिलाफ प्रयोग करने में। या अपनों के खिलाफ प्रयोग करने में, असली जानकारी छुपाकर या उलटी-सीधी जानकारी देकर। मतलब, गुमराह करने में। Brainwash, इसी को कहते हैं क्या?
राजनीतिक षड्यंत्रों में। किसी भी तरह के विरोधियों के खिलाफ।
उपयोग किसी भी लत को छुड़वाने में?
और भी कितनी ही तरह के प्रयोग या दुरूपयोग हो सकते हैं।
थोड़ा बहुत समझ आया जब Kidnapped by police केस की किताब मैंने editing के लिए दे दी -- पता नहीं क्या सोच के। और उसे फिर से खुद एडिट करना पड़ा। संपादक ने पता नहीं, क्या का क्या बना दिया था, सिर्फ कुछ शब्दों के हेरफेर से।
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