About Me

Just another human being. Trying to understand molecules of life. Lilbit curious, lilbit adventurous, lilbit rebel, nature lover. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct. Sometimes feel like to read and travel. Profession revolves around academics, science communication, media culture and education technology. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Tuesday, March 28, 2023

मानव रोबोट

अगर पहले पढ़ चुके तो भी इसे फिर से पढ़िए :

अगर आपको कपड़े धोने हैं, तो कैसे धुलेंगे? पहले आपके दिमाग़ में आएगा या बताया जायेगा। फिर दिमाग़ बताएगा, आगे क्या-क्या करना है या चाहिए। वो सब मिल गया और आपने (मस्तिक संचालित, शरीर ने) कर दिया तो हो गया।  

अगर आपको सफ़ाई करनी है, तो कैसे होगी? पहले आपके दिमाग़ में आएगा या उसे बताया जायेगा। फिर उस काम को करने के लिए, जो-जो चाहिए, वो लेंगे और सफाई करेंगे।     

बस इतनी सी बात, इसमें क्या खास है? तो यही काम, आपकी बजाय, किसी मशीन को देना है। कैसे बनी होगी वो मशीन? इंसान के शरीर की तरह, एक बॉडी चाहिए, एक दिमाग, काम को करने की योज़ना (Programming) और काम को करने का तरीक़ा, विधि या प्रकिर्या (Processing). 

मानव-रोबोट बनाना और मानव को रोबोट्स की तरह प्रयोग करना 

                                                                      (To some extent also brain washing)

दिमाग़ 

योजना 

शरीर 

काम को करवाने का तरीका या विधि या प्रकिर्या 

चलो एक-आध उदाहरण लेते हैं 

बच्चे को कैसे सिखाते हैं, बैठना, बोलना, चलना, खाना-पीना और फिर क्या सही है और क्या गलत, का व्यावहारिक ज्ञान? कौन से घरों या मौहाल के बच्चे, ये सब जल्दी सीखते हैं? शाँत वातावरण में रहने वाले ज़्यादातर बच्चे भी शांत परवर्ती के होते हैं। चीखने-चिल्लाने वाले माहौल के बच्चे भी, चीखने-चिल्लाने लगते हैं। जुबान, भाषा और  व्यवहार भी, उसी  माहौल का दिया हुआ होता है। ज़्यादातर उन इन्सानो की कॉपी होती है, जिनके साथ वो ज़्यादातर समय  बिताते हैं। 

क्या ये सिर्फ बच्चे पे लागु होता है? या बड़ों पे भी?

कुत्ते को या किसी भी पालतु जानवर को प्रशिक्षण कैसे दिया जाता है? शायद कुछ-कुछ वैसे ही, जैसे बच्चे को।    

खाने की वस्तु दिखाना और एक तयशुदा बर्तन या जगह पे डालना 

एक तयशुदा समय पर ही खाना या चारा डालना   

हर रोज़ उसी समयसारणी को बरतना 

कौन अपने हैं या कौन पराये का आभाष करवाना 

मलमूत्र के लिए निश्चित जगह दिखाना और बार-बार वहीँ लेके जाना 

और भी कितनी ही इस तरह के प्रशिक्षण होते हैं 

इन सबमें कुछ बातें अहम् हैं और एक जैसी हैं। जैसे 

दिखाना या देखना 

 सुनाना या सुनना 

बारबार जो करवाना है, वही बताना, या अहसास करवाना 

कुछ चीज़ें निश्चित करना, जैसे समय, वक्त, जगह आदि 


Automation मतलब automatic शवचालित, अपने-आप कोई काम करना -- प्रशिक्षित मशीन  

Semi automatic कुछ हद तक शवचालित, बाकी manual इंसानों द्वारा किया जाना -- कुछ हद तक प्रशिक्षित मशीन


Manual इंसानों द्वारा किया जाना (विधि अनुसार)  

Enforced जबरदस्ती (Either by Hook or Crook) 

साम, दाम, दंड, भेद आ चुका। 


सिस्टम Automation पे कितना है?  Semi automatic कितना है?

या फिर Manual और Enforced कितना है?

और उसका प्रभाव आम-आदमी पर कैसे और कितना है? 

कैसे और कहाँ-कहाँ वो आपको रोबोट्स की तरह प्रयोग कर रहा है? 

अपने आसपास का कोई भी केस उठाओ और जानने की कोशिश करो, कहाँ-कहाँ और किस हद तक वो अपने आप हुआ है और कहाँ-कहाँ वो करवाया गया है, जो होना ही नहीं था? इन्हे parallel cases भी कहा जाता है और created भी। ज्यादातर, ऐसे cases में इंसान रोबोट्स की तरह प्रयोग हुए हैं। सबसे बड़ी बात इन cases में Campus Crime Series से भी ज्यादा खामियाँ मिलेंगी। Parallel Cases का मतलब सिर्फ अदालती मुकदमों से नहीं है, बल्कि आपकी ज़िंदगी के हर पहलु से है। 

कैसे? आगे की किन्ही पोस्ट्स में। 

No comments:

Post a Comment