मैं जानवर और तुम इंसान?
मैं 2022 में जब यूनिवर्सिटी से सामान उठा के घर आई और यहीं रहने लगी, तो इंसानों ने ही नहीं बल्की पशु-पक्षी और कीट, पौधो ने भी काफी ध्यान खींचा अपनी तरफ। जो जैसे चीख-चीख के कह रहे हों, इंसान ही नहीं, हम भी भुगतभोगी हैं इस सिस्टम के। वो अलग बात है, वो शायद इंसानो की तरह नहीं चीख-चिला पाते।
ये सब ज्यादा नज़र आने लगा, जब मैंने कार चलाना ही छोड़ दी। शुरू-शुरू में किसी हादसे के डर से और बाद में? दूसरा यहाँ पे नई लेने का ना ये वक़्त था और ना उस हिसाब का जुगाड़। जब पदैल चलना शुरू किया तो पता चला की कार की सवारी ने कितना काट दिया था, आसपास से। और शायद मुफ़्त के स्वास्थ्य लाभ से भी। गाँवों में ज्यादा शायद? और ये कार पे ही नहीं, बल्की हर तरह के व्हीकल पे लागु होता है। दो कदम चलने के लिए भी हम इनके आदि हो जाते हैं। पैदल चलने के दौरान आसपास के लोगों से भी जैसे बोलचाल ही बंद हो जाती है। चाहे वो सिर्फ नमस्ते, या आप कैसे हैं? घर पर सब कैसे हैं और बाय तक ही सिमित क्यों ना हो। और भी काफी कुछ जो आसपास घटता है, उससे तक़रीबन अनभिग हो जाते हैं। उसमें आसपास का हर जीव और निर्जीव शामिल है।
निर्जीवों की बात फिर कभी। अभी चुपचाप, इस निर्दयी सिस्टम की मार सहते जीवों की बात करें?
गायों की करें या भैंसों की?
कुत्तों की करें या बिल्लिओं की?
चिडियांओं की करें या कबूतरों की?
नीलकंठ की या मैना, तोता की?
मोर की, या काबर या कोतरी की?
कौवों की या चीलों की?
बत्तखों की या बटेर की?
चुहोँ की या सुनसनीयों की?
मख्खियोँ की या मच्छरों की?
भिरड़ों की या भुन्डों की?
मकड़ियों की या कॉक्रोचों की?
चमगादड़ों की या सुर्यपक्षीयों की?
टिड्डियों की या तितलियों की?
चींटियों की या कीड़े-मकोड़ों की?
मेंढ़कों की या मच्छलियों की?
साँपों की या कानखजुरों की?
या शायद पेड़-पौधों की ही?
ये सब और इन जैसे कितने ही जीव, जो किसी ना किसी रुप में आपके आसपास हैं, आपके आसपास के सिस्टम का हिस्सा है। वो कब आ रहे हैं? कब जा रहे हैं? कितनी संख्यां में हैं? किस हाल में हैं? आपको कैसे फायदा या नुकसान कर रहे हैं? आपसे कोई बीमार ले रहे हैं या दे रहे हैं? इससे आगे भी बहुत कुछ बता रहे हैं। वहाँ के खानपान के बारे में और उसमें छिपे ज़हर या बिमारियों के बारे में। उनके जुबान है या नहीं है? या शायद उनकी जुबान आपको समझ ही नहीं आ रही? या आप समझना ही नहीं चाह रहे? अगर समझने लगोगे तो उनके लिए भी अच्छा होगा और आपके लिए भी।
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