विवाद खड़े करना, जहाँ कोई विवाद बनता ही ना हो? Conflict Creations where none exists?
Designer World? बुटीक-से मनचाहे डिज़ाइन? इस पार्टी के और उस पार्टी के और उन सबके बीच अपनी-अपनी छोटी-मोटी सी जरुरतों में पिसते आम लोग?
डिज़ाइनर संसार या टेक्नोलॉजी के संसार की मार? टेक्नॉलजी जिसे अच्छे के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है और बुरे के लिए भी। लोगों की ज़िंदगियों को आसान भी बनाया जा सकता है और दुर्भर भी।
आओ कुछ ऑनलाइन नमुने दिखाती हुँ :
"तेरा वो हाल करेंगे की तुम घर के रहो ना घाट के?"
"तु मर चुकी। तेरा सब दान हो चुका।"
"तीन महीने की तनख़्वा देके निकालेंगे।"
ऐसे ही और कितने ही Direct-Indirect कमैंट्स और धमकियाँ, सबके सब ऑनलाइन।
उसके बाद घर के और आसपास? खीँचतान, ईधर, उधर और किधर और किधर? ऑनलाइन संसार पे भी बहुत कुछ लिखा जा सकता है और ऑफलाइन पे भी। तो जानते हैं इन दोनों संसारों को एक-एक करके।
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