Search This Blog

About Me

Happy Go Lucky Kinda Stuff! Curious, atheist, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Writing is drug, minute observer, believe in instinct, in awesome profession/academics. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Thursday, October 26, 2023

समीक्षा: क्या है, Enemy of The State?

समीक्षा (Review)

क्या है, Enemy of The State?  

Surveillance, हर कदम पे निगरानी। मगर, ये मूवी थोड़ी पुरानी हो चुकी। इसमें chips, कैमरा, टेलिस्कोप और Setellite पे फोकस है, अगर टेक्नोलॉजी की बात करें तो। Smart फोन तब तक आए नहीं थे। इसीलिए, पेजर वाली दुनियाँ पे अटकी हुई है। Chips भी थोड़े बड़े दिख रहे हैं। 

कुत्ते-बिल्ली का खेल है, अमेरिका में। कुत्ते और बिल्ली पे गौर फरमाएँ, की कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे, रूप, स्वरूप में आ रहे हैं। State, राज्य या देश नाम का जैसे कुछ रह ही नहीं गया है। एक तरफ पॉलिटिक्स है, और दूसरी तरफ Ex-Intelligence। मतलब, खेल यहाँ भी दिमाग वालों का है, या राजनीती का। और खास तरह के किसी खून की कहानी है। 

कुछ-कुछ ऐसी कहानी, जैसी गाँव में लोगबाग किसी खास कॉन्टेक्स्ट में बोलते हैं, "गई भैंस पानी में"। कोई धोखे से इंजेक्शन ठोक के, ये दिखाने की कोशिश करे की गाड़ी में ड्रग्स मिले हैं। और ड्रग्स की वजह से हुआ है।   या शायद ये, की, पियक्कड़ मोदी ने भैंस 28000 में बेच दी और सारे पैसे भी उड़ा दिए।  

जब ये मूवी देखी, तब तक भी मेरी निगाह में लोकतंत्र जैसी, कोई चीज़ होती थी। और पुलिस, मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग जैसी एजेंसी, विस्वास के लायक। दिमाग खराब होना शुरू हुआ, जब इन आयोगों के धक्के खाने शुरू किए। जब इनके हाल जाने और टालमटोल वाला रवैया और तरीके। क्यूँकि, तब तक भी मैं सिस्टम की हकीकत से बहुत दूर थी। उसके बाद तो, धीरे-धीरे जो कुछ पढ़ा, देखा, सुना या अनुभव किया, तो राज्य या देश की अवधारणा ही खत्म हो गई। जो समझ आया, वो ये की दुनियाँ में आज भी छोटे-बड़े कबीले हैं। कुछ थोड़े कम पढ़े-लिखे, तो कुछ थोड़े ज्यादा। राजनीतिक सीमाएँ, आम-आदमी का फद्दू काटने के लिए हैं। United Nations जैसे संगठन भी, दुनियाँ के रईसों और शक्ति-प्रदर्शन के जमवाड़े मात्र हैं। दुनियाँ भर के बाकी संगठनो और नाम मात्र के देशों की तरह, यहाँ भी अपनी ही तरह का राजनीतिक-रंगमंच चलता है।          

Enemy of The State? या देशद्रोही तो वहाँ लागू होता है, जो दुनियाँ को इस गुप्त सिस्टम की हकीकत दिखाने की कोशिश करते हैं। इसके कोड़ों का कोढ़, दिखाने या समझाने की कोशिश करते हैं।  

पिछले 10-15 साल में टेक्नोलॉजी का जिस तेजी से विकास हुआ है, उसी रफ़्तार से कुछ लोगों के आगे बढ़ने के रस्ते खुले हैं। तो कहीं लोग ज्यादा शिकार हुए हैं या पीछे धकेले गए हैं। आगे बढ़ने वालों में टेक्नोलॉजी की जानकारी वाले समुह या समाज हैं। पीछे रहने वालों में ज्यादातर, इस दुनियाँ से अनजान और अज्ञान लोग हैं। तो शायद ज्यादा जरूरी हो जाता है, ऐसे लोगों को टेक्नोलॉजी और विज्ञान से कदम ताल मिलाती, राजनीती से अवगत कराना। जब सामाजिक सामांतर घड़ाईयाँ या यूँ कहो मानव रोबोट्स कैसे बनते हैं, समझ आना शुरू हुआ, तभी ये ब्लॉग हिंदी अपना चुका था। क्यूँकि ज्यादातर ऐसे आमजन को, जिन्हें टेक्नोलॉजी का ABC नहीं पता था, अंग्रेजी भी नहीं आती। तो जरूरी हो जाता है उस भाषा में बात करना, जो उसे समझ आती हैं। उसी दिशा में अगला कदम है, ऐसी-ऐसी फिल्मों, नाटकों और किताबों की समीक्षा। जो कोई ऐसा आसान आमजन की भाषा में कर रहे हैं, अपना लिंक भेझ सकते हैं, Reference के लिए। 

No comments:

Post a Comment