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- VY
- Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.
Friday, June 28, 2024
संविधान गपशप (Offensive Or Defensive Narratives)? 2
Thursday, June 27, 2024
Ways to Topple The Government?
Minority can also topple the government, as per law?
Wednesday, June 26, 2024
Constitution? Interesting?
Indian constitution is sacred and must be respected? Maybe? Or?
Look at constitution copy in different party's hands. Is it only shape and cover, that is different? Or inside matter also? Or matter inside those copies are same?
Offensive Or Defensive Narratives? 1
Different Types, But
How parallel creations killing the message and purpose itself?
Police?
Policy?
How many types?
G Police?
Grammer Police?
Repetitive or different parties narratives?
Or enforced agendas around the same topic?
Cooler fires?
AC heating?
Goli, Tab?
Food?
Water?
Drug?
Force?
Pistol, katta?
Diseases?
Vitiligo in human, animals, plants, cooler? And so many such diseases across different strata, among different organisms?
Interesting stuff?
क्या का क्या बनता है यहाँ? वैसे ही, जैसे रोचक आर्टिकल्स ईधर-उधर? आते हैं इनपे भी आगे, एक-एक करके।
कुछ-कुछ वैसे ही, जैसे अर्विन्द केजरीवाल का केस? ED की तारीख पूरी हुई नहीं, की CBI आ गई? ये PMLA और ये तारीख पे तारीख, क्या तमाशा लगा रखा है? जब यहाँ किसी, ERR....
किसी नहीं, दिल्ली के CM तक के ये हाल हैं, तो बाकी जनता तो है ही बेचारी। ये कोर्ट्स खत्म क्यों नहीं करते, ये तारीख पे तारीख तमाशा जैसी, कितनी-ही बेवजह सी बिमारियाँ? उससे भी बुरा, ट्रायल के दौरान भी बेल पे इतने तमासे?
Monday, June 24, 2024
घुमाओ अभियान
घुमाओ?
क्या समझते हैं, आप घुमाओ से?
किसी को घुमाना?
कैसे?
कहीं की सैर पे?
या फद्दू बनाना जैसे?
ऐसा ही कुछ चल रहा है, शायद?
कहाँ?
वहीं,
जहाँ घपलम-घपलाई चल रही है।
ये Ha Ri (हरि-भगवान)?
या Ha RRy (हैरी)?
कौन हैं?
क्या हैं?
आम आदमी की भाषा में?
किसी लेखक की भाषा में?
या किसी राजनीतिक की भाषा में?
या किसी बाजार की भाषा में?
साधारण बाजार की भाषा में?
या?
सट्टा बाजार की भाषा में?
सुना है,
सत्ता और सट्टा एक ही बात है।
ऐसे-ही जैसे,
सत्ते पे सत्ता (7)?
या अठ्ठे पे अठ्ठा?
नहले पे नहला?
दहले पे दहला, जैसे?
कुछ और भी हो सकता है।
नहीं?
Death Or Murder Attempts?
Death Or Murder Attempts? लोगों को ऐसे मारो, की लाठी दिखाई भी ना दे और काम हो जाय?
अगर किसी के बैंक में पैसे हैं या किसी भी तरह की बचत है, मगर गुंडागर्दी के तहत किसी ने उसपे कुंडली मार रखी हो? जिसकी बचत है, वो बार-बार रिक्वेस्ट भी कर चुका, की मुझे एमर्जेन्सी है। फलाना-धमकाना हैल्थ इश्यूज हैं। और कभी भी एमर्जेन्सी पड़ सकती है। आप Urgently मेरे पैसे रिलीज़ करें। मुझपे कोई डिपेंडेंट भी हैं। उनके लिए भी चाहिएँ। मगर फिर भी, पैसे रिलीज़ ना किए जाएँ?
उसपे डिपेंडेंट में मान लो, कोई शराब का एडिक्ट भी हो। इसी नशे के तहत, उसे बोतल पकड़ा कर उसकी ज़मीन हड़प ली हो, कुछ अपने कहे जाने वाले लोगों ने। और अब ऐसे ही टेढ़े-मेढ़े रस्तों से, फिर से शराब सप्लाई हो रही हो, ताकी उसे दुनियाँ से ही उठाया जा सके। जब उसे ना सिर्फ, ऐसे आदमखोरों से दूर करने की जरुरत है, बल्की ईलाज की भी। क्यूँकि, डॉक्टर्स के अनुसार तो ये भी एक बीमारी है। और इसका ईलाज भी है। मगर, आपके पास इतने पैसे हैं ही नहीं। इस शराब एडिक्ट की हड़ियाँ निकली हुई हैं और तवचा बिलकुल काली पड़ चुकी है। मतलब, लिवर काफी डैमेज हो चूका। जिस बेचारे के पास खाने तक के पैसे नहीं, वो शराब कहाँ से पी रहा है? वैसे, जब उसके पास खाने तक को नहीं होता, ये शराब सप्लाई तभी होती है? ये, और ऐसी-ऐसी कहानियाँ, आगे किसी पोस्ट में।
अगर ऐसे केस में ये शराब का एडिक्ट मरता है, तो वो Death कहलाएगी? या Murder? Assisted Murder? अरे नहीं। रोज, हजारों शराब के नशे वाले मरते हैं। खासकर, गरीबी की वजह से। कहाँ, किसे फर्क पड़ता है? ऐसे-ऐसों को तो वैसे भी, अपने ही ठिकाने लगा देते हैं। महज़ कुछ पैसों या ज़मीन की खातीर। और उन्हीं अपनों में से कुछ, ऐसी-ऐसी मौतों के बाद, रोने भी आते हैं? जाने ऐसे लोग, ऐसी परिस्थितियों में, ऐसे-ऐसे आँशु कहाँ से ले आते हैं?
ये पब्लिक नोट किसी Academic Teachers Branch वाली संगीता मैडम के लिए भी। सुना है, पिछले 1 साल से भी ऊप्पर वक़्त से, फाइल उसी ब्रांच में पड़ी है। और उससे ऊप्पर बैठी Authorities के लिए भी। क्यूँकि, नीचे वाली कुर्सियों का महज़ बहाना होता है। VC जब चाहे, ऐसी-ऐसी फाइल्स को क्लियर करने के ऑर्डर दे सकता है।
Prompt: ना सिर्फ ये हालात, बल्की, किसी नेता के सोशल पेज पर, शायद ऐसा ही देखा-पढ़ा। दादा जी जैसी-सी दिखने वाली किसी फोटो पे श्रद्धांजलि। और उस फोटो पे मुझे जो दिख रहा था, वो था, जैसे या तो चेहरा बहुत लाल हो रखा है या चेहरे पर, खासकर, नाक के आसपास चोट। मुझे ऐसा दिखा, मतलब? ऐसे-ऐसे ऑनलाइन कारनामों के बारे में, आगे किसी पोस्ट में। उसी दिन, इस शराब एडिक्ट भाई के चेहरे पर चोट। और भी जगह होंगी, ये चोट शरीर पे। टूटा-फूटा होगा कहीं या फोड़ा होगा किसी ने? होता रहता है, शराब एडिक्ट के साथ ऐसा? क्या नई बात है?
Sunday, June 23, 2024
पौधों, जानवरों, और इंसानों में : समानताएँ और विभिन्ताएँ (Social Tales of Social Engineering)
समानताएँ और विभिन्ताएँ
पौधों, जानवरों, और इंसानों में
क्या-क्या हो सकती हैं?
खाने-पीने में?
बच्चों की पैदाइश में?
बीमारियों के कारणों, रोकथाम या इलाज में?
या मरने की वजहों में?
बहुत-कुछ?
आपको शायद पेड़-पौधों के बारे में काफी कुछ मालूम है? और आपको गाएँ, भैंसो के बारे में? और आपको शायद पेड़-पौधों और गाएँ भैंसों के बारे में? तो कैसे हो सकता है, की इंसानो के बारे में मालूम ना हो?
यहाँ बच्चों के साथ शायद कुछ-कुछ ऐसा ही हो रहा है? बड़ों और बुजर्गों के साथ भी? और आप लगें हैं उन्हीं का कहा करने? मगर आपको शायद वैसे नहीं बताया गया, जैसे कोई भी आम-इंसान, ऐसे केसों के बारे में बताएगा। कैसे केसों के बारे में? बीमारियों के बारे में? या कहना चाहिए की ना हुई बिमारियों के बारे में। बहुत-सी समस्याओं के बारे में, जो असल में हैं ही नहीं या होनी ही नहीं थी। की गई हैं? कौन हैं ये लोग, जो ऐसा कर रहे हैं? और वो ऐसा क्यों कर रहे हैं?
कहीं आप खुद भी तो उनमें से एक नहीं? जाने या ज्यादातर अन्जाने? और खुद ही शिकार भी? सोचो। आते हैं इन विषयों पे भी।
Friday, June 21, 2024
निगरानी और ज्ञान-विज्ञान का दुरुपयोग
Surveillance and Knowledge Abuse? Or Diagnostic and Testings?
आसपास से केस स्टडी
पीछे वाली पोस्ट का कुछ हिस्सा फिर से पढ़ते हैं
कैसे पता चलता है, की हमें कोई बीमारी है?
और कौन-सी बीमारी है?
नब्ज देखकर?
बिन पूछे और बिन जाने?
PK के जैसे?
Wifi से?
Wifi, किसी का घर जाने का सिग्नल या सिस्टम?
और किसी का?
दरबार लगाने का जुगाड़ जैसे?
बिन पूछे, आपके दर्द-तकलीफ़ बताना जैसे?
घोर Surveillance Abuse जैसे?
इधर भी और उधर भी?
या?
कोई दर्द या तकलीफ हो तो?
डॉक्टर के पास जाते हैं,
और वहाँ डायग्नोस्टिक्स से पता चलता है?
या वहाँ भी गड़बड़ घोटाला जैसे?
या गड़बड़-घोटाला,
हमारा दर्द या तकलीफ को फील करना ही है?
खाना, पानी या हवा?
कैसे बचें इन प्रदुषित-मिलावटी हवा, पानी या खाने से?
ये तो जिधर देखो उधर है
कुछ जगह नज़र आता है
मगर,
बहुत जगह दिखाई तो साफ देता है
मगर होता, प्रदूषित है।
जैसे कोई pain inducers दे दिए हों,
किसी ने, आपकी जानकारी के बिना?
किसी खाने में, या पानी में?
और डॉक्टर बोले, पथ्थरी है?
डायग्नोस्टिक यही कह रहा है?
इस पथ्थरी के दर्द को और किस बीमारी के दर्द से बदला जा सकता है? कैंसर? और शायद और भी कितनी ही तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं, जिनका नाम लिया जा सकता है? ऐसे कितने लोगों ने PK देखी होगी? या WIFI क्या होता है, का पता तक होगा? या दुनियाँ में ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे कारनामे भी होते हैं? कहाँ ज्ञान- विज्ञान का दुरुपयोग? और कहाँ अनपढ़, या कम पढ़े-लिखे लोग, कैसे-कैसे बाबाओं, महाराजों या झोला-छापों के चक्कर में पड़े गरीब लोग? जहाँ ढंग से खाने-पीने या रहने तक के पैसे नहीं होते और लूटवा देते हैं ज़िंदगियाँ, ऐसे-ऐसे बाबाओं को। उसपे उन्हें समझाना भी आसान नहीं होता।
ऐसा ही एक कैंसर के मरीज का आसपास सुनने को मिला। जो ऐसे-ऐसे महाराजों के चक्कर आज तक काटते हैं। जो दूर से ही बिन जाज़ें, परखे या टेस्ट्स के सबकुछ बता देते हैं? और इनपे या इन जैसे झोला-छापों पे कोई कारवाही नहीं करता? इनके नाम, जगह वैगरह जानोगे, तो पता चलेगा, so-called सिस्टेमैटिक कोड इतना जबरदस्त चलता है? पर फिर जो मुझे समझ आया, ऐसा-सा ही छोटे से छोटे हॉस्पिटल से लेकर, बड़े हॉस्पिटल्स तक है। जानकार लोग इनपे कोई किताबें क्यों नहीं लिखते या आमजन को अवगत क्यों नहीं कराते? यही सिस्टम रोकता है क्या, उन्हें ऐसा करने से?
जब PhD में थी तो आसपास कुछ खास किस्म के कारनामे होते थे। वैसे से हर जगह संभव हैं। जैसे आप कोई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं और आपसे जलने वाले या वाली ने, आपकी vials, test tubes या कुछ और भी हो सकता है, जिसमें आपका एक्सपेरिमेंटल मैटेरियल है, बदल दें या उसमें कुछ उल्टा-पुल्टा डालके उसे खराब कर दें। आसपास कितनों के साथ होता था ऐसे? पूछकर देखो। या अभी भी शायद कितनी ही लैब्स में होता है? आप लगे रहो, बार-बार उसे दोहराने। परिणाम क्या होंगे? निर्भर करता है की उस बन्दे ने क्या किया है। ये तो वही बेहतर बता सकता है या सकती है या सकते हैं? किसी भी डायग्नोस्टिक सेंटर पे, ये या ऐसे-ऐसे कितने ही किस्म के कारनामे संभव है। उसपे डॉक्टर डायग्नोज़ करके कितनी सारी सम्भानाएं रखते हैं, खासकर जब दर्द-तकलीफ दूर ना हो?
Probability Factor। ये नहीं है, तो ये हो सकता है। ये नहीं, तो ये। ये भी नहीं, तो ये। ये कोड और सिस्टम के जाले कितनों को पता होते हैं? और कौन ऐसे सोचके बीमारी का पता लगाते हैं? हो सकता है, की कोई बीमारी हो ही नहीं? गुप्त तरीके से कुछ उल्टा-पुल्टा, यहाँ-वहाँ से खिलाया या पिलाया गया हो? उसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं? जैसे ही उस खिलाने-पिलाने का असर खत्म, वैसे ही बीमारी। ये तो कुछ-कुछ ऐसे नहीं हो गया, जैसे, इन डायग्नोस्टिक्स और संभानाओं के चक्कर में, इतना कुछ मेडिसिन के रुप में खिलाके या ऑपरेशन तक करके, ना हुई बीमारियों की बाढ़ जैसे? यही हाल हैं, हमारे आज के समाज के?
आदमी अभी वो मशीन कहाँ बना है, की कुछ भी तोड़ो-फोड़ो, कुछ भी खिलाओ-पिलाओ या कैसे भी, कहीं से भी काटो और मशीन-सा सब सही हो जाएगा?
It's Update Stupid? 4
कैसे पता चलता है, की हमें कोई बीमारी है?
और कौन-सी बीमारी है?
नब्ज देखकर?
बिन पूछे और बिन जाने?
PK के जैसे?
Wifi से?
Wifi, किसी का घर जाने का सिग्नल या सिस्टम?
और किसी का?
दरबार लगाने का जुगाड़ जैसे?
बिन पूछे, आपके दर्द-तकलीफ़ बताना जैसे?
घोर Surveillance Abuse जैसे?
इधर भी और उधर भी?
या?
कोई दर्द या तकलीफ हो तो?
डॉक्टर के पास जाते हैं,
और वहाँ डायग्नोस्टिक्स से पता चलता है?
या वहाँ भी गड़बड़ घोटाला जैसे?
या गड़बड़-घोटाला,
हमारा दर्द या तकलीफ को फील करना ही है?
खाना, पानी या हवा?
कैसे बचें इन प्रदुषित-मिलावटी हवा, पानी या खाने से?
ये तो जिधर देखो उधर है
कुछ जगह नज़र आता है
मगर,
बहुत जगह दिखाई तो साफ देता है
मगर होता, प्रदूषित है।
जैसे कोई pain inducers दे दिए हों,
किसी ने, आपकी जानकारी के बिना?
किसी खाने में, या पानी में?
और डॉक्टर बोले, पथ्थरी है?
डायग्नोस्टिक यही कह रहा है
और आप कहें जैसे, अपने आप से
To hell with diagnostic
किडनी का दर्द कहाँ होता है?
और फिर बोला जाय,
"अभी और टैस्ट करने पड़ेंगे,
शायद पथ्थरी पीत में है"
और आप सोचें,
ये हो क्या रहा है?
Gall Bladder?
कहाँ होता है?
शरीर में या कोड में?
KIDNEY? STONE? GALL BLADDER?
उसके साथ-साथ खास होती है, तारीख भी?
बेटा उड़ ले यहाँ से
"नहीं तो राम नाम सत्य है"
और फिर होता है एक ड्रामा
साइड सीट पे एक डॉक्टर दोस्त
और घर पे चाय बनाते वक़्त पता चले
ये दूध को क्या हुआ?
थैली से दूध निकले ऐसे, जैसे,
कोई सोडा बोतल से।
ना कोई गंध, ना कोई टेस्ट में फर्क
बला क्या है ये?
महज़ ड्रामा?
या प्लान, "राम नाम सत्य है?"
या इससे आगे भी कुछ?
बैग पैक करो और घर उड़ जाओ
और दो ही दिन बाद दर्द गुल?
क्या हुआ किडनी की पथ्थरी का?
या पीत की पथ्थरी का?
वो भी अपने आप उड़ गई जैसे?
बिलकुल ऐसे जैसे,
चिड़िया उड, तोता उड, मैना उड?
या गाएँ उड, भैंस उड, हाथी उड?
क्या है ये सब?
Code Stupid?
ये सिखाएँगे, Paragliding?
और ये, Fly करवाएँगे?
इनसे सीखो Swimming?
और ये सिखाएँगे सिस्टम?
That's the way system works?
System works?
कोड-कोड, युद्ध-युद्ध?
राजनीतिक युद्ध? बाजार युद्ध?
दादागिरी युद्ध?
Science and Technology युद्ध?
आरपार?
आदमी कहाँ है इसमें?
रोबॉटों के, मशीनों के इस युद्ध में?
वो सो गया लगता है, कुम्भकरण की नींद?
ऐसे ही जैसे,
सो जाते हैं स्क्रीन, लैपटॉप या कम्प्युटर जैसे?
क्या हो अगर हर बीमारी को हम ऐसे पढ़ने लगें तो? जरुरत है ना, वक़्त की? और pain inducers ही क्यों, जानकारों के पास तो ऐसे-ऐसे, कितनी ही किस्मों के हथियार हो सकते हैं।
What are you fighting for?
Living for?
Is it worth?
Your time?
Your resources?
Your life?
Is it improving something?
Helpful to someone?
Costructive in nature?
Or the other way?
Or it's so messy
Don't know, which way to work out?
If yes,
Then take a break
There are so many better things to do in life.
Prompt: Some University Video