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Friday, July 5, 2024

कोढ़ में पिरोए, जुर्म के साए (Social Tales of Social Engineering)

कोढ़ में पिरोए जुर्म के साए  (Twisted Coded World and Criminalization of Society?)


कौन-सा ट्रस्ट, कौन-सी पार्टी को मजबूत करता है?

Twisted Code World and Criminalization of Society?

Stick Trust?

Knife Trust?

या Hockey Trust?

ऐसे ही, कुछ और कोड भी हो सकते हैं। 

जैसे?

हनुमान कोड 

शिव कोड 

खाटू कोड 

माता कोड

मलेरिआ कोड 

डेंगू कोड 

कैंसर कोड 

लकवा कोड 

झाड़ू कोड 

फूलझाड़ू कोड 

सफाई कोड 

काकी कोड 

काका कोड 

दादी कोड 

दादा कोड 

हुक्का कोड 

बीड़ी कोड 

डीज़ल कोड 

पैट्रॉल कोड 

कबूतर कोड 

चिड़िया कोड 

या शायद अलमारी कोड 

ज़मीन कोड 

कट्टा या पिस्तौल कोड 

और भी कितनी ही तरह के कोड 

जगाधरी कोड 

ये सब किसके किस्से कहानियों के कोड हैं?

किन पार्टियों के?

राजनीतिक पार्टियों के?

बाज़ार के?

इनकी मिलीभगत के?

और कैसे पहुँचते हैं आम आदमी तक?

कौन थमा देता है उन्हें, ये सब?

वो नाटककार, स्क्रिप्ट लिखने वाले?

जो कहते हैं, ये लैपटॉप इसे नहीं देना? 

वो लैपटॉप अब नहीं चलेगा?

इनकी किताबें पढ़ाई बंध करो?

इन्हें स्टेज पे उतारो?

और इन्हें सड़क पर?

चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग?

फर्क क्या पड़ता है?  

ऐसे ही जैसे,

इन्हें शराब की तरफ धकेलो?

और इन्हें मार-पिटाई की तरफ?

फर्क किन्हें पड़ता है?     

एक-एक केस उठाओगे तो पता चलेगा, आप कौन हैं? महज गोटियाँ, चलती-फिरती गोटियाँ? ये सब चलाने वालों की?

कौन हैं ये सब चलाने वाले? 

समाज के किसी हिस्से को यूँ पीछे धकेलने वाले?  

या ख़त्म करने वाले ?

केस स्टडी: सुनील और उसका आसपास   

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