धोखा-सा-कोई या शायद सदमा
इंसान के अचानक चले जाने का
कल तो था यहाँ और आज नहीं
नहीं ?
या शायद ना होकर भी, है भी!
दिलासा शायद खुद को
जैसे समझाना हो किसी बच्चे को
जाने वाला गया कहीं नहीं
वो तो अब भी है तुम्हारे आसपास ही
याद करोगे तुम उसे जब कभी भी
जहाँ कहीं भी
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