Search This Blog

About Me

Happy Go Lucky Kinda Stuff! Curious, atheist, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Writing is drug, minute observer, believe in instinct, in awesome profession/academics. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Saturday, July 6, 2024

Hierarchy और संबोधन ?

मैंने तो सुना है, ये सब कोड हैं। चाहे वो फिर नाम हो या पोस्ट? सुना है, आपमें से ही कहीं से शायद? और सर, मैडम, महोदया, मिस, श्रीमती, श्रीमान, आदरणीय, मीलॉर्ड जैसे संबोधन भी? जब कोड की दुनियाँ में ही बात करनी हैं तो अमेरिकनों की तरह ही करो। क्यों खामखाँ के पचड़े में पड़ना? वैसे ये जो विडियो प्रोमोप्ट आते हैं, या खास वक़्त पे खास वीडियो, ये कितने सच होते हैं, इसका पता कैसे चले? मुश्किल है ना थोड़ा? और अगर सोशल मीडिया के द्वारा बात करें, तो कौन-सा MP या MLA सीधा बात करते होंगे? उनके प्रोफाइल तो उनकी टीम चलाती होंगी। नहीं? तो MP, MLA लिखना बहुत नहीं होगा, उनके ऑफिसियल कोड बिगाड़े बिना? हाँ, सीधे शायद हम ऐसे बात नहीं करते, भारतीय हैं ना। पर मेरे जैसे तो नेताओं से मिलने के कोई खास शौकीन नहीं होते। जब अवसर हों तब भी। अपनी ही अलग दुनियाँ में रहते हैं।    

और कोड, कुछ-कुछ ऐसे ही जैसे, विजय कुमारी दांगी है तो चलेगा। सिर्फ विजय दांगी है, तो बैठो घर? अजीब हैं ये कुमार, कुमारी, राजे-महाराजों वाले साँग जैसे? या महज कोड शायद?     

वैसे Hierarchy को हिंदी में क्या कहते हैं?                         

Friday, July 5, 2024

It's Update Stupid?

राजनीतिक पार्टियाँ क्या कर रही हैं? उनके updates समाज में कैसे होते हैं?  

आप अपनी ज़िंदगी में वो नहीं कर सकते, जो आप चाहते हैं? आप चाहते हैं? ये प्रश्न ही गलत है शायद? ज्यादातर, आप वही चाहते हैं, या उसी से नफरत करते हैं, जो आपको ये पार्टियाँ या ये सिस्टम परोसता है?   

आपकी राजनीतिक पार्टियाँ या सिस्टम कहीं चोरी-छुपे आपको ये तो नहीं परोस रही?








या ऐसा कुछ बाँट रहा है? 




किसकी प्रॉपर्टी है ये ज़िंदगी?
आपकी या राजनीतिक पार्टियों या सिस्टम की?

इस पोस्ट में सब फोटो इंटरनेट से ली गई हैं। 

कोढ़ में पिरोए, जुर्म के साए (Social Tales of Social Engineering)

कोढ़ में पिरोए जुर्म के साए  (Twisted Coded World and Criminalization of Society?)


कौन-सा ट्रस्ट, कौन-सी पार्टी को मजबूत करता है?

Twisted Code World and Criminalization of Society?

Stick Trust?

Knife Trust?

या Hockey Trust?

ऐसे ही, कुछ और कोड भी हो सकते हैं। 

जैसे?

हनुमान कोड 

शिव कोड 

खाटू कोड 

माता कोड

मलेरिआ कोड 

डेंगू कोड 

कैंसर कोड 

लकवा कोड 

झाड़ू कोड 

फूलझाड़ू कोड 

सफाई कोड 

काकी कोड 

काका कोड 

दादी कोड 

दादा कोड 

हुक्का कोड 

बीड़ी कोड 

डीज़ल कोड 

पैट्रॉल कोड 

कबूतर कोड 

चिड़िया कोड 

या शायद अलमारी कोड 

ज़मीन कोड 

कट्टा या पिस्तौल कोड 

और भी कितनी ही तरह के कोड 

जगाधरी कोड 

ये सब किसके किस्से कहानियों के कोड हैं?

किन पार्टियों के?

राजनीतिक पार्टियों के?

बाज़ार के?

इनकी मिलीभगत के?

और कैसे पहुँचते हैं आम आदमी तक?

कौन थमा देता है उन्हें, ये सब?

वो नाटककार, स्क्रिप्ट लिखने वाले?

जो कहते हैं, ये लैपटॉप इसे नहीं देना? 

वो लैपटॉप अब नहीं चलेगा?

इनकी किताबें पढ़ाई बंध करो?

इन्हें स्टेज पे उतारो?

और इन्हें सड़क पर?

चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग?

फर्क क्या पड़ता है?  

ऐसे ही जैसे,

इन्हें शराब की तरफ धकेलो?

और इन्हें मार-पिटाई की तरफ?

फर्क किन्हें पड़ता है?     

एक-एक केस उठाओगे तो पता चलेगा, आप कौन हैं? महज गोटियाँ, चलती-फिरती गोटियाँ? ये सब चलाने वालों की?

कौन हैं ये सब चलाने वाले? 

समाज के किसी हिस्से को यूँ पीछे धकेलने वाले?  

या ख़त्म करने वाले ?

केस स्टडी: सुनील और उसका आसपास   

Tuesday, July 2, 2024

मीडिया की भूमिका : किसी भी समाज को आगे बढ़ाने में या पीछे धकेलने में?

Election Result Day And Drama Kidnapping Day? 

Live Streaming means live streaming all time, especially when you have a phone with you.

रिजल्ट वो भी भारत के इलेक्शन का? बदल जाता है, परिणाम वाले दिन भी? क्यूँकि सट्टा बाजार ही सत्ता है? Live Streaming चल रही थी और 400 से धड़ाम नीचे? वो भी कहाँ पर? कितने पर? 

तो ऐसा कैसे की, PGI के VC Office के बाहर से जब एक इंसान को उठाने के लिए इतनी फ़ोर्स को आना पड़ा? और वो जब फोन पे रिकॉर्डिंग कर रही हो, उन पुलिस वालों की (Officers?), जिन्होंने खुद मास्क नहीं लगा रखा था। तो कितने इन्हीं मीडिया वालों ने उसका जिक्र तक किया? वो रिकॉर्डिंग भी तो जहाँ भर में, बहुतों के पास होगी? कहाँ कैसे दब गई या दबा दी गई वो रिकॉर्डिंग? ठीक ऐसे? जैसे ये केस स्टडी वाली किताब, Kidnapped by Police? मीडिया में कहाँ-कहाँ भेजी गई थी, उसकी कॉपी? चलो ये तो एक खामखाँ-सा कोई आम इंसान था। और यहाँ आम इंसानों के साथ क्या कुछ तो नहीं होता? वैसे ही जैसे, कहीं पहले भी कहा, मीडिया की भूमिका अहम होती है। किसी भी समाज को आगे बढ़ाने में या पीछे धकेलने में। वैसे ही जैसे, pandemic जैसी राजनीतिक बीमारियों को छुपाने में? या उसके नाम का हौवा आम-आदमी को डराने में? दुनियाँ भर का मीडिया उस दौरान क्या कर रहा था? इतनी एकजुटता, आदमखोर राजनीती के खेल में?    

सबसे बड़ी बात तो ये की दुनियाँ भर का मीडिया क्या मुठ्ठी में है, ऐसे-ऐसे कारनामे रचने वाली पार्टियों के? या खुद एक हिस्सा भी है? मतलब इस सबका तो यही लगता है? प्रश्न जायज है ना? या ये भी गुनाह है? मोदी युग में तो शायद?     

या शायद कुछ ये भी कह सकते हैं, की बताने वालों ने तो फिर भी बताया है। चाहे कोढ़ के जरिए ही। जेल के बाथरुम तक कैमरों के हवाले होते हैं? अब किस हद तक, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं, जो कहते हैं की ये दुनियाँ एक बुचड़खाना है।   

Monday, July 1, 2024

खाना-पानी, दाना-पानी और?

ये तो कुत्ते-बिल्लियों सा साँग है?

नहीं। चिड़ियों, कबुतरों-सा।   

शायद, गाएँ-भैंसों सा?

और शायद, कीट पतंगों-सा?

फिर तो,

फूलों, कलियों और भोरों-सा भी कह सकते हैं? 


कुत्ते, बिल्लियों के प्रकार? 

चिड़ियों, कीटों-पतंगों के आहार, व्यवहार?  

कैसे लाते होंगे, ये इन्हें ?

इतने सारे गायोँ, भैंसों, खागड़ों के,

हों किसी रैम्प पे, शो-अवतार जैसे? 


क्या परेड लगा रखी है?

इतने सारे गायों, बच्छड़ों या बच्छडियों की? 

इतने सारे पशु-पक्षियों की?  

इंसान को तो फिर भी चलो, घुमा देते होंगे?

मगर, इन पशु-पक्षियों को कैसे?

कैसे चलाते होंगे?

जैसे कोई खास नम्बर्स, खास वक़्त किसी रैंप पे? 


ऐसा कुछ बड़बाया ही था  

और कुछ देर बाद, 

ये क्या?

आगे-आगे विराज रोटी के साथ, 

और पीछे-पीछे? 

गाएँ, रोटी के। 

गली से बाहर निकाल आया उसे, 

बिना किसी खास मशक्कत के। 

और रोटी देकर शरारती बालक वापस घर पे। 


ऐसे ही कुछ जैसे, 

एक छोटा-सा बछड़ा

आने लगा था गली में 

जाने कहाँ से। 

और पड़ोस की मौसी बोलती 

मंजु, रोटी डाल दे इसे 

तेरा भाई आ गया। 

मेरा भाई? 

आपका तो फिर बेटा हुआ ना, 

आप डालो। 

मैं तो पता नहीं कितने दिन और रहूँगी,

आपका साथ ज्यादा है। 


वही बछड़ा,

जिसका कान काट दिया था 

कुछ शरारती तत्वों ने, होली पे। 

अब थोड़ा बड़ा हो चला है, 

और मारने भी लगा है। 

उसका भी यही इलाज है, आगे खिसकाने का।  

कुछ भी खाना लो, 

और दूर-सी डाल आओ।  


ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी, 

अजीबोगरीब-सी कहानियाँ, 

कितनी ही गायोँ की, भैंसों की 

बच्छडों की, बच्छडियों की 

कटड़ों की, कटड़ियों की 

चमगादड़ों की, चीलों की 

कौवों की, कटफोडों की। 

 

या फिर,

टूटी-टाँग काबर (Myna) के जोड़े की, 

बिल्ली की चोटिल पूंछ की 

बंदरों के आवागमनों की 

कहीं उस कोयल की कुक की 

तो कहीं उस नीली चिड़ियाँ की 

ये जहाँ आती हैं या जाती हैं?

जहाँ बैठती हैं, 

क्यों किसी दिन वहाँ बैठती हैं?

इनके शो को ऐसे कौन डायरेक्ट करता है?

सिर्फ खाना-पानी, दाना-पानी? 


या उससे आगे भी बहुत कुछ?

जैसे खास नंबरी कुत्तोँ का, कोई खास शो?

Tide Over Climate?

Morality and Illigal Experimentations in Living Labs (Society)?

 Living Labs?

ये क्या होती हैं?

जहाँ कहीं जीवित प्राणियों पे, उस वक़्त चल रही किर्याओं या पर्किर्याओं पर अध्ययन होता है, उसे जीवित लैब बोलते हैं। जानवरों, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों तक पर, परिक्षण करने के कुछ रुल होते हैं। मगर, आज की टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग ने, उसे दुरुपयोग करने वालों के लिए आसान कर दिया है। आज के वक़्त में सारा संसार एक अजीबोगरीब बुचड़खाना है या कहो जीवित लैब है। और अपने आप में बहुत बड़ा जुर्म का अड्डा भी। जैसे, इस या उस पार्टी के कोढों के अनुसार बीमारियाँ, जन्म, अबोरशंस या लोगों की मृत्यु भी इन्हीं सब का हिस्सा हैं।    

   

कहाँ-कहाँ है ये पार्लियामेंट?

Speaker और Microphone की कहानी 

और इसलिए इन्हें हम चुनते हैं, अपने MP या MLA?

कौन हैं ये लोग?

कैसे चुने जाते हैं?

जिसे पार्लियामेंट कहते हैं, वो असलियत में हैं क्या?

सबसे बड़ी बात, वहाँ बैठकर या वहाँ से बाहर आकर, हमारे MPs या MLAs करते क्या हैं?

किसके लिए काम करते हैं?    

ये प्रश्न किसी एक नेता के लिए नहीं, बल्की सब पार्टियों के लिए है।  
मान लो ये नेता लोग झूठ-मूठ के हैं। मान लो --

एक केस लेते हैं अभी स्पीकर वाला। माइक्रोफोन क्यों और किसने बंद कर दिया?

"बुआ ये कह रहा है, मक्रोफोन ऑन करो" 
वो copilot से कुछ प्रश्न सॉल्व करना चाह रही थी। नया-नया शौक पैदा हुआ है। 

हाँ। Settings में जाओ। Privacy Settings पे क्लिक करो। और माइक्रोफोन ऑन कर दो। 
पर ये तो ऑन ही नहीं हो रहा। 
दिखाओ। 
हम्म्म। कलाकारों ने कल्याण किया हुआ लगता है। पता नहीं कहाँ से की हुई हैं ये settings block और क्यों?
आप मुझे अपना लैपटॉप दो फिर। 
ना, मुझे भी काम करना है। तुम्हारा ही ठीक कर दूँगी। 
करो फिर। 
टाइम लगेगा। 
मुझे अभी चाहिए। 
उसमें टाइम लगता है। बुआ को कम्प्युटर इन गड़बड़ करने वाले कलाकारों जितना नहीं आता। विंडो ही फिर से install कर दूँगी। 
कितना टाइम लगेगा उसमें?
लगेगा। 
रात को करुँगी। 
अभी क्यों नहीं?
अभी बुआ काम कर रहे हैं। आप भी कोई और काम कर लो। ये मैं बाद में करवा दूँगी। 

ये Om Birla (Speaker, Parliament) कौन हैं?
और ये पार्लियामेंट?
Shashi Tharoor (MP) पे ही कटाक्ष क्यों हुआ?
और ये Deepender Hooda (MP) क्या कह रहे हैं?
ये MP ही हैं, ना?
हमारे MP, इन मार्शल पे भी थोड़ा प्रकाश डालेंगे? जो दूसरों के लैपटॉप्स, फोन्स वगैरह में घुसे पड़े हैं, उल्टे-पुल्टे काम करने के लिए। नाम तो बता दो कम से कम।  
 
कौन हैं ये मार्शल? क्या करते हैं?   
माइक्रोफोन on-off पार्लियामेंट में?
कहाँ-कहाँ है ये पार्लियामेंट? यहाँ भी, वहाँ भी, वहाँ भी। और जाने कहाँ-कहाँ?      

वैसे अच्छा काम है, जो समाज में चल रहा है, उसे बताना, दिखाना या समझाना। अगर बिना कोई जुर्म किए ऐसा संभव हो तो। क्यूँकि बहुत-सी पार्टियाँ तो ऐसे-ऐसे सामान्तर केस घड़ रही हैं, जो अपने आप में ही हो रहे जुर्म से कहीं बड़े जुर्म हैं। फिर चाहे वो रिश्तों की जबरदस्त तोड़फोड़ हो या बीमारियाँ या ऑपरेशन्स। या लोगों को दुनियाँ से ही उठा देना। और ऐसा हर रोज हो रहा है, सारे संसार में।      

Speaker और Microphone की कहानी में Copilot का क्या रोल है? ये इसी के लिए बंद किए गए हैं या और भी ऐसे-ऐसे AI (Artificial Intelligence) प्रोडक्ट्स के लिए?